Friday, September 20, 2024

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पिता से आहत खंडवा की दसवीं क्लास की छात्रा ने सुसाइड नोट में लिखा -मम्मी मैने हंसते -हंसते अपना दम तोड़ा है, पापा को मेरा चेहरा देखने मत देना

   (  )के खंडवा ( Khandwa )जिले के छैगांवमाखन(  Chhegaon Makhan )की मेडिकल कॉलोनी में सोमवार को 10वीं की छात्रा ने फांसी लगा ली। घटनास्थल से पीले रंग की ड्रॉइंग शीट पर सुसाइड नोट भी मिला है, जिसमें पिता की प्रताड़ना से तंग आकर   ()  करने की बात लिखी है।  में लिखा है कि पापा को मेरा चेहरा मत देखने देना।

खंडवा ( Khandwa )जिले के छैगांवमाखन इंदौर-इच्छापुर हाइवे स्थित मेडिकल कॉलोनी में महिला बाल विकास विभाग की कर्मचारी छायाबाई चौहान अपने पति दरबार सिंह और बेटी मोनिका (17) के साथ रहती हैं। सुबह 11 बजे वह मोनिका से ऑफिस जाने की बात कहकर निकली थीं। मोनिका 10वीं की छात्रा थी। दोपहर करीब डेढ़ बजे जब छायाबाई लौटीं, तो मोनिका फंदे पर लटकी मिली। सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने जांच शुरू की। छैगांवमाखन के थाना प्रभारी गणपत कनेल के मुताबिक सुसाइड नोट की जांच कर रहे हैं। पूछताछ के दौरान हैंडराइटिंग लड़की की ही बताई जा रही है। पिता से परेशान होकर किशोरी ने आत्महत्या की है। जांच में पिता दोषी पाए गए, तो प्रताड़ना का मामला दर्ज किया जाएगा।

जांच में खंडवा ( Khandwa )जिले के छैगांवमाखन पुलिस को पीले रंग की ड्रॉइंग शीट पर से सुसाइड नोट भी मिला है। इसमें उसने पिता दरबार सिंह से प्रताड़ित होकर आत्महत्या की बात लिखी है। जांच में पता चला कि दरबार सिंह चौहान आए दिन अपनी पत्नी छायाबाई के साथ नशे में धुत होकर झगड़ा और मारपीट करता था। बीच-बचाव करने पर मोनिका के साथ भी मारपीट और गाली-गलौज करता था। पिता की इस हरकत से वह आहत थी।

मम्मी मुझे माफ कर देना। पापा से मैं बहुत परेशान हो गई थी। मम्मी, मैं जो बोल देती हूं वह करके बता देती हूं। मम्मी मेरी बात यह है कि पापा को घर के अंदर मत आने देना। मम्मी, मैंने बहुत पहले मरने का फैसला कर लिया था। जब झगड़ा हुआ था। पापा को घर में मत आने देना वरना मेरी आत्मा काे शांति नहीं मिलेगी। मम्मी आप भी मुझे माफ कर देना। सोचकर रखा था, भाई और बहन की शादी में खूब नाचूंगी। मम्मी, मैंने कहा था न 15 फरवरी को पूरा परिवार आ जाएगा। आप सभी से मैं माफी चाहती हूं। मम्मी, भाई, बहन से मुझे एक-एक कर गले लगा लेना। और मम्मी घर में मेरा जो भी सामान है, उसे संभालकर रख लेना। जब मेरी याद आए तो सामान को देख लेना। मेरे कपड़े संभालकर रखना। मैंने हंसते-हंसते अपना दम तोड़ा है। मेरा ये कागज संभालकर रखना। मम्मी, मुझे कभी भी मत भूलना। मुझे माफ कर देना।सुसाइड नोट में मोनिका ने उसकी मां, बहन व भाई के नाम लिखा है कि पापा को चेहरा देखने मत देना। उन्हें घर में भी आने मत देना नहीं, तो मेरी आत्मा को शांति नहीं मिलेगी।

 

Vijay Upadhyay

Vijay Upadhyay is a career journalist with 23 years of experience in various English & Hindi national dailies. He has worked with UNI, DD/AIR & The Pioneer, among other national newspapers. He currently heads the United News Room, a news agency engaged in providing local news content to national newspapers and television news channels