उत्तर प्रदेश ( Uttar Pradesh) के उन्नाव ( Unnao )जिले में असोहा के बबुरहा गांव के बबुरहा में दलित लड़कियों की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत के मामले का खुलासा शुक्रवार को ही कर दिया। अब उन्नाव मामले( Unnao Case )को लेकर अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई का अभियान शुरू किया है।घटना के बाद से ही सोशल मीडिया समेत अन्य प्लेटफॉर्म पर किशोरियों से दुष्कर्म किए जाने का दुष्प्रचार शुरू हुआ था।
सरकार ने इस पर ऐसे लोगों की सूची बनाकर तैयार करने के निर्देश दिए थे। इसी बीच ट्विटर पर कांग्रेस (Congress ) नेता उदित राज ( Udit Raj )द्वारा दुष्प्रचार का एक ट्वीट किया गया। जिसमें लिखा गया कि पूर्व सांसद सावित्री बाई फुले से फोन वार्ता के दौरान किशोरियों से गंदा काम और शव जला देने की जानकारी मिली है। उन्नाव पुलिस ने अपने सोशल मीडिया ग्रुप में खंडन करते हुए आरोपों को निराधार बताया है। सदर कोतवाली पुलिस ने डॉक्टर उदित राज के खिलाफ आईटी एक्ट में रिपोर्ट दर्ज की है।
उन्नाव ( Unnao )के एसपी आनंद कुलकर्णी ने दावा किया, ‘उदित राज( Udit Raj )नाम के ट्विटर अकाउंट से वास्तविक तथ्यों से परे और पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट जैसे सबूतों को नजरअंदाज करते हुए मृत लड़कियों के साथ बलात्कार होने और उनके शवों को घर वालों की मर्जी के खिलाफ जलाने जैसी अफवाह फैलाई गई है। इससे आम लोगों में गुस्सा पैदा करने का प्रयास किया गया था।’ कुलकर्णी ने बताया कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में दोनों लड़कियों के साथ किसी प्रकार के बलात्कार की पुष्टि नहीं हुई है और परिजन ने बिना किसी दबाव के लड़कियों का अंतिम संस्कार किया है।
कांग्रेस नेता उदित राज( Udit Raj ) उन्नाव ( Unnao )में पीड़ित परिवार से मिलने गए थे। लेकिन पुलिस ने लड़कियों के परिजनों से उन्हें मिलने नहीं दिया था। इसके बाद कांग्रेस नेता उदित राज ने मीडिया को बताया था कि बच्चियों के साथ रेप की घटना भी हो सकती है। योगी सरकार मामले को दबा रही है। उन्होंने कहा कि जब लड़कियों ने जहर खाया तो फिर उनके हाथ-पैर क्यों बंधे हुए थे? उन्होंने कहा था कि पुलिस पूरे मामले में लीपापोती कर रही है और असल मुद्दे को छिपा रही है।
पूर्व सांसद उदित राज ने एफआईआर दर्ज होने के बाद एक वीडियो बयान जारी किया है। उदित राज ने कहा कि मेरे खिलाफ एक एफआईआर दर्ज हुई है। उन्नाव मामले में कल पूर्व सांसद सावित्री बाई फुले से बातचीत की थी। वह हमारे साथ पांच साल एमपी रही हैं। वे पीड़ित परिवार से बमुश्किल मिल पाईं। बार-बार मैंने सावित्री बाई फुले से पूछा। कहा कि मैं ट्वीट करने जा रहा हूं। कर दूं। उन्होंने कहा कर दीजिए।