केंद्र शासित प्रदेश दादरा-नगर हवेली ( Dadra and Nagar Haveli )के निर्दलीय सांसद मोहन देलकर( MP Mohan Delkar )ने सोमवार को दक्षिण मुंबई ( Mumbai) के एक होटल में आत्महत्या (suicide) कर ली। उन्होंने आत्महत्या से पहले गुजराती में लिखा एक सुसाइड नोट भी छोड़ा है। देलकर सातवीं बार दादरा-नगर हवेली से संसद सदस्य बने थे। पुलिस ने आत्महत्या के कारणों की जांच शुरू कर दी है। सांसद मोहन देलकर रविवार रात दक्षिण मुंबई के मरीन ड्राइव स्थित एक होटल में आकर रुके थे। पुलिस अधिकारियों के अनुसार जिस कमरे में वह रुके थे, उसके बगल के कमरे में ही उनका ड्राइवर भी रुका था। ड्राइवर ने सुबह से कई बार देलकर से संपर्क करने की कोशिश की। लेकिन न तो उनके कमरे का दरवाजा खुला, न ही उन्होंने फोन उठाया।
तब ड्राइवर ने होटल के कर्मचारियों को इसकी सूचना दी। जब दूसरी तरफ से कोई कमरे में घुसा तो उसे देलकर पंखे से लटकते दिखाई दिए। तब पुलिस को सूचना दी गई। तब तक अपरान्ह दो बज चुके थे। देलकर का शव पंचनामा के बाद पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया। पुलिस का कहना है कि मौत के कारणों का खुलासा पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही हो सकेगा। सात बार के सांसद देलकर ने आत्महत्या क्यों की, यह भी रहस्य बना हुआ है। हालांकि देलकर के कमरे से पुलिस को एक सुसाइड नोट मिला है। लेकिन पुलिस उनके गृह व कार्य क्षेत्र सिलवासा की भी पड़ताल कर रही है। मुंबई से सिलवासा की दूरी सिर्फ 172 किलोमीटर है।
डेलकर ( MP Mohan Delkar )की उम्र 58 साल थी। 2019 में वे केंद्र शासित दादरा और नगर हवेली से बतौर निर्दलीय सांसद चुने गए। 1989 में अब तक वे भाजपा, कांग्रेस, भारतीय नवशक्ति पार्टी के उम्मीदवार और निर्दलीय के तौर पर 7 बार लोकसभा के लिए चुने जा चुके थे। उन्होंने 1989 से 2004 तक लगातार 6 बार लोकसभा चुनाव में जीत दर्ज की थी। डेलकर के परिवार में पत्नी कलाबेन डेलकर, दो बच्चे अभिनव और दिविता हैं।
मोहन डेलकर ( MP Mohan Delkar )का जन्म 1965 में सिलवासा में हुआ था। डेलकर ने सिलवासा में ट्रेड यूनियन लीडर के रूप में अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की थी। वे अलग-अलग कारखानों में काम करने वाले आदिवासी लोगों के अधिकारों के लिए आवाज उठाया करते थे। इसके बाद 1995 में उन्होंने आदिवासी विकास संगठन बनाया और 1989 में दादरनगर हवेली से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में नौवीं लोकसभा का चुनाव लड़ा और जीते भी। इसके बाद 1991 और 1996 में वे कांग्रेस के टिकट पर सांसद बने।
डेलकर ने 1998 में भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर लोकसभा का चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की। कुछ समय बाद उन्होंने भाजपा छोड़ दी और 1999 में निर्दलीय और 2004 में भारतीय नवशक्ति पार्टी के उम्मीदवार के रूप में जीते। इसके बाद 4 फरवरी 2009 को दोबारा कांग्रेस में शामिल हुए और 10 साल बाद यानी 2019 में कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद फिर से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में लोकसभा सदस्य बने। इसके बाद अक्टूबर 2020 में डेलकर JDU में शामिल हो गए थे।
डेलकर( MP Mohan Delkar ) को गृह मंत्रालय की परामर्श कमेटी में नियुक्त किया गया था। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ( Amit Shah) की अध्यक्षता में बनी इस कमेटी में लोकसभा और राज्यसभा के कुल 28 सांसदों को जगह दी गई थी। 17वीं लोकसभा के 15 वरिष्ठ सांसदों की सूची में रामविलास पासवान के बाद उनका नाम दूसरे नंबर पर था।