लोकसभा के वरिष्ठ सदस्य केंद्र शासित प्रदेश दादरा-नगर हवेली ( Dadra and Nagar Haveli )के सांसद मोहन डेलकर ( Mohan Delkar )की मौत की खबर ने सभी को चौंका दिया है। सात बार सांसद रहे डेलकर ( Mohan Delkar )का शव सोमवार को मुंबई के एक होटल में मिला था। लोकप्रिय नेता मोहन डेलकर की मौत का राज उनके द्वारा लिखे गये 15 पेज सुसाइड नोट ( 15- page suicide note ) में छिपा है जो मुंबई पुलिस के पास है । यह उनके आधिकारिक नोट पैड पर गुजराती भाषा में लिखा गया है। मुंबई पुलिस( Mumbai Police )ने बुधवार को इसकी जानकारी दी।
मुंबई पुलिस मोहन डेलकर के शव मिलने के बाद से यह पता लगाने में जुटी है कि उनकी मौत आत्महत्या (suicide) है या फिर कुछ और? अगर डेलकर ने खुदकुशी की तो क्यों? इस मामले में मुंबई पुलिस जल्द ही उनके परिवार के सदस्यों के बयान दर्ज करेगी। पुलिस ने बताया कि पोस्टमार्टम के बाद मोहन डेलकर का शव उनके परिवार को सौंप दिया गया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में उनकी मौत की वजह फांसी को बताया गया है।
मोहन डेलकर ( Mohan Delkar )के कमरे से गुजराती भाषा में लिखा 15 पन्नों का एक सुसाइड नोट ( 15- page suicide note )मिला है, जिसमें कुछ लोगों के नाम हैं, लेकिन मुंबई पुलिस ने अभी तक इसके विवरण का खुलासा नहीं किया है।
फिलहाल फॉरेसिंक टीम इस सुसाइड नोट ( 15- page suicide note )की भी जांच कर रही है कि क्या सुसाइड नोट पर मोहन डेलकर की ही हैंडराइडिंग है। मुंबई पुलिस की शुरुआती जांच के मुताबिक, सांसद मोहन डेलकर ने खुदकुशी की है। फॉरेंसिक टीम ने होटल के उस कमरे की चार घंटे तक तलाशी ली, जहां मोहन डेलकर का शव बरामद हुआ था।

लोग इस बात से हैरान दादरा और नगर हवेली से एक छत्र नेता जिसने कभी हार नहीं मानी सात बार लोकसभा का चुनाव का जीता जो उनकी लोकप्रियता को बताने के लिये काफी है। फिर ऐसी कौन सी कठिनाई या ताकत आड़े आ गयी जिसकी वजह इस अजेय योद्धा ने जिंदगी से हार मान ली
बता दें कि 58 वर्षीय मोहन डेलकर वर्ष 1989 में पहली बार दादरा और नगर हवेली के सांसद चुने गए थे। इसके बाद से वे सात बार दादरा नगर हवेली के सांसद चुने गए। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनावों में डेलकर निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतरे और फिर से जीत गए थे।