उत्तर प्रदेश ( Uttar Pradesh) के आगरा( AGRA) जिले में तीन साल पहले आगरा कॉलेज के क्रिकेट मैदान में आठ साल की बच्ची की दुष्कर्म के बाद हत्या कर दिए जाने के सनसनीखेज मामले में दोषी पाए गए युवक एलएलबी छात्र( Law Student) हरीश उर्फ ठाकुर को आगरा कोर्ट ( Agra court) ने उम्रकैद( Life Imprisonment )की सजा सुनाई गई। आगरा कॉलेज में ही एलएलबी प्रथम वर्ष का छात्र( Law Student) रहा ठाकुर सेंट जोंस चौराहे के पास फुटपाथ पर सो रही बच्ची को उसकी दादी के पास से उठाकर ले गया था। इसी दौरान का सीसीटीवी फुटेज उसके खिलाफ अहम सुबूत बना।
स्पेशल जज (पॉक्सो एक्ट) वीके जायसवाल ने सजा सुनाई। वारदात 16 मार्च 2018 की रात में हुई थी। विशेष लोक अभियोजक विमलेश आनंद ने बताया कि बाग मुजफ्फर खां निवासी एलएलबी छात्र( Law Student) ठाकुर के खिलाफ 11 गवाह और 26 सुबूत पेश किए गए। रिपोर्ट बच्ची के पिता ने दर्ज कराई थी। वह मूल रूप से मथुरा के दाऊजी केपास के गांव का निवासी है और काफी समय से आगरा में सेंट जोंस चौराहा के पास फुटपाथ पर जूता पॉलिश का काम करता है। इसी के पास ठाकुर का सैलून था। वारदात के समय वह शराब के नशे में था।
आगरा कोर्ट ( Agra court) में दोषी को दी गई सजा में 2.55 लाख रुपये का अर्थदंड भी है। इसके जमा होने पर इसमें से दो लाख रुपये बच्ची के माता-पिता को दिए जाएंगे। अगर दोषी अर्थदंड जमा नहीं करता है तो उसकी कैद की सजा बढ़ जाएगी।
बच्ची से दुष्कर्म और हत्या के मामले में 11 गवाह और 22 साक्ष्य कोर्ट( Agra court) में पेश किए गए। इनमें सबसे अहम साक्ष्य सीसीटीवी फुटेज रहे। इससे ही घटना का खुलासा हुआ था। पुलिस के पास उस समय कोई और सुराग नहीं था। इस घटना की विवेचना हरीपर्वत थाना के तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक महेश चंद गौतम ने की थी। वह इस समय एंटी करप्शन ब्यूरो में आगरा में ही तैनात हैं। उन्होंने बताया कि पुलिस बूथ के पास एक खंभे पर लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज से ही पता चला था कि बच्ची को फुटपाथ से कोई उठाकर ले गया। दो फुटेज मिले थे। एक बच्ची को लेने जाते हुए समय का था।
आरोपी हरीश उर्फ ठाकुर का सैलून सेंट जोंस चौराहे के पास ही था। जब फुटेज लोगों को दिखाए गए, तो वे उसे पहचान गए। इसके बाद उसके मोबाइल की लोकेशन देखी गई तो यह भी सेंट जोंस चौराहे के पास की आई। यहीं पर फुटपाथ पर बच्ची का परिवार रहता है। बच्ची को दादी के पास से उठाया गया था।