Thursday, July 04, 2024

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बीएड सत्र 2004-05 के 1000 से अधिक अभ्यर्थियों के प्रमाणपत्रों की जांच, सोमवार फिर शुरु करेगा डॉ भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय

Dr. B R Ambedkar University Agra

के  ( के बहुचर्चित प्रकरण में शुक्रवार को    (  )के आदेश बाद डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के फर्जी प्रमाणपत्र पर नौकरी पाने वाले  शिक्षकों की सेवा समाप्ति का रास्ता साफ हो गया है।विश्वविद्यालय को टेंपर्ड प्रमाणपत्रों की जांच चार माह में पूरी करने का आदेश दिया गया है।

डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय ( Dr B R Ambedkar University ) बीएड सत्र 2004-05 के  1084 टेंपर्ड  प्रमाण पत्रों की जांच सोमवार 1 मार्च से शुरु कर देगा । जांच कमेटी 45 दिन जांच रिपोर्ट सौपेगी जिस के आधार पर विश्वविद्यालय आगे की कार्यवाही करेगा और हाईकोर्ट को चार माह में रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा।

विशेष जांच दल (एसआईटी) की ओर से जारी डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय ( Dr B R Ambedkar University के बीएड सत्र 2004-05 के फर्जी व टेंपर्ड प्रमाणपत्रों की सूची से  बेसिक शिक्षा विभाग ने  परिषदीय शिक्षकों को तलाशा गया था। एसआईटी ने फर्जी प्रमाणपत्र वाले अभ्यर्थियों की तीन श्रेणियां बनाईं। इसमें 3637 शिक्षक फर्जी, 1084 टेंपर्ड अंकपत्र और 45 डुप्लीकेट रोलनंबर वाले थे।

डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय की ओर से दिसंबर 2019 में फर्जी प्रमाणपत्र वाले अभ्यर्थियों की सूची जारी कर उन्हें अपना पक्ष रखने का मौका दिया गया। अपना पक्ष रखने वाले 814 अभ्यर्थियों को छोड़कर बाकी 2823 को सात फरवरी 2020 को फर्जी घोषित कर दिया गया।

बेसिक शिक्षा विभाग ने विश्वविद्यालय की ओर से फर्जी घोषित किए गए अभ्यर्थियों की सूची में शामिल 24 शिक्षकों की 12 मई को सेवाएं समाप्त कर दीं। एक जुलाई 2020 को बीएसए की ओर से थाने में इन शिक्षकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया। वेतन रिकवरी की प्रक्रिया शुरू होने से पहले बर्खास्त शिक्षक कोर्ट चले गए। बाद में कोर्ट के आदेश पर विश्वविद्यालय ने जिन 2823 अभ्यर्थियों के प्रमाणपत्र फर्जी घोषित किए थे, वह आदेश स्थगित कर दिया।

डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय( ( Dr B R Ambedkar University Agra )  प्रशासन ने अपना पक्ष रखने वाले 814 अभ्यर्थियों में से दो को छोड़कर बाकी 812 को 29 जुलाई को फर्जी घोषित कर दिया था। दो अभ्यर्थी ऐसे थे, जो सत्र 2004-05 की परीक्षा में एक्स-स्टूडेंट के रूप में शामिल हुए थे, वह संबंधित सत्र के नहीं थे।

विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक डॉ. राजीव कुमार ने बताया कि अधिवक्ता के मुताबिक विश्वविद्यालय प्रशासन को अपना पक्ष रखने वाले 812 में से महज सात अभ्यर्थियों के साक्ष्य का परीक्षण फिर से करना है। इसके लिए एक माह का समय दिया गया है। वहीं, टेंपर्ड सूची में शामिल अभ्यर्थियों की जांच करके चार माह के अंदर रिपोर्ट देनी है। कोर्ट के आदेश का अध्ययन करके कोई कदम उठाया जाएगा।

बता दें कि डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा (Agra University)  के बहुचर्चित फर्जी अंकतालिका प्रकरण में कार्यपरिषद ने बीएड सत्र 2005 (2004-05) के फर्जीवाड़े में 2824 छात्रों की अंकतालिका को फर्जी करार दिया है। 3637 फर्जी छात्रों (रोल नंबर जनरेट, बिना पढ़े और परीक्षा दिए अंकतालिका देना) की सूची पर यह फैसला लिया है। फर्जी अंकतालिका के आधार पर छात्रों ने प्रदेश भर में सरकारी शिक्षक की नौकरी पा ली ।बीएड सत्र 2004-05 में फर्जीबाड़े के दम सरकारी स्कूलों नौकरी पाये शिक्षकों की बर्खास्तगी पर हाईकोर्ट के आदेश के बाद मुहर लग गयी है।

 

Vijay Upadhyay

Vijay Upadhyay is a career journalist with 23 years of experience in various English & Hindi national dailies. He has worked with UNI, DD/AIR & The Pioneer, among other national newspapers. He currently heads the United News Room, a news agency engaged in providing local news content to national newspapers and television news channels