रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन उद्योगपति मुकेश अंबानी( Mukesh Ambani) के मुंबई स्थिति आवास एंटीलिया( Antilia ) पर बीते दिनों जिलेटिन से भरी एक स्कॉर्पियो बरामद हुई थी उसके मुख्य गवाह मनसुख हिरेन( Mansukh Hiren ) का कलवा इलाके से शव मिला है।
बड़ी साजिश के बहुत ही महत्तपूर्ण राजदार की मौत को मुंबई पुलिस (Mumbai Police ) आत्महत्या बता रही है जबकि परिजनों इसे हत्या बताया है ।इस घटना में मुंबई पुलिस के अधिकारी की संदिग्ध भूमिका भी सामने आ रही है।
जानकारी सामने आ रही है उसके अनुसार मनसुख हीरेन ( Mansukh Hiren )की जब डेड बॉडी बरामद हुई है तो उनके मुंह में रुमाल ठूसा हुआ देखा गया है जिसे मुंबई की मुम्ब्रा पुलिस ने रिकवर करके फोरेंसिंग जांच के लिए भेज दिया है। इतना ही नहीं पुलिस जब लाश मिली तो मनसुख हीरेन की शर्ट के बटन खुले हुए ते और हाथ पैर बंधे थे।
अधिकारियों को शुक्रवार को कलवा क्रीक पर एक शव मिला है। यह उस स्कॉर्पियो के मालिक का शव है, जो एंटीलिया के बाहर संदिग्ध हालात में मिली थी। अधिकारियों ने बताया कि शव मनसुख हीरन( Mansukh Hiren ) का है। वह ठाणे के व्यापारी हैं और क्लासिक मोटर्स की फ्रेंचाइजी चलाते हैं।
पहले मनसुख को स्कॉर्पियो का मालिक बताया जा रहा था। बाद में महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने स्थिति साफ की। उन्होंने विधानसभा में बताया कि कार के मालिक का नाम सैम है। उन्होंने इसके इंटीरियर के मेंटेनेंस के लिए मनसुख हिरेन को दिया था। सैम ने इसके लिए पेमेंट नहीं किया तो हिरेन ने कार अपने पास रख ली थी।
मनसुख हीरन( Mansukh Hiren )की लाश मुंब्रा इलाके की खाड़ी से बरामद हुआ है। पुलिस के मुताबिक शव को सुबह तकरीबन 10:25 पर खाड़ी से बाहर निकाला गया। स्कॉर्पियो के मालिक मनसुख हिरेन के गुमशुदगी की शिकायत नौपाड़ा पुलिस स्टेशन में दर्ज करवाई गई थी।
यदि मनसुख हिरेन ( Mansukh Hiren )के परिजनों और पड़ोसियों की बात पर यकीन करें तो मनसुख इमारत के बच्चों को तैरना सिखाते थे। परिवार ने कहा वह आत्महत्या नहीं कर सकते, उनकी आखरी लोकेशन बीती रात विरार इलाके की थी। जो ठाणे से काफी दूर है। परिवार ने कहा यह सुसाइड नहीं,हत्या है।
मनसुख की लाश मिलने से करीब एक घंटे पहले महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस( Devendra Fadnavis ) ने ये मुद्दा विधानसभा में उठाया। फडणवीस ने कहा कि जब एंटीलिया के बाहर गाड़ी मिली तो वहां जो अधिकारी सबसे पहले पहुंचा, वो सचिन वझे थे। मुंबई क्राइम ब्रांच के बाकी अधिकारी सचिन वझे के बाद पहुंचे थे। गाड़ी के मालिक के नंबर की जब सीडीआर निकाली गई तो पिछले साल 5 जून और 15 जुलाई को सचिन वझे से बातचीत की बात सामने आई। ये दोनों एक-दूसरे के संपर्क में थे। अब गाड़ी मालिक कह रहा है कि गाड़ी चोरी हो गई थी और सचिन वझे का पहले वहां पहुंचना संयोग भी हो सकता है, लेकिन सवाल खड़े करता है।
देंवेंद्र फडणवीस ने दावा किया, ‘वाहन के मालिक ने क्रावफोर्ड मार्केट में एक व्यक्ति से मुलाकात की थी। वह कौन था? वाहन का मालिक ठाणे में रहता है और मौके पर सबसे पहले पहुंचे पुलिस अधिकारी भी ठाणे में ही रहते हैं।’ उन्होंने कहा, ‘‘इस तरह, कई इत्तेफाक संदेह पैदा करते हैं और इसलिए जांच एनआई को सौंपी जानी चाहिए।’देवेन्द्र फड़णवीस ने मुंबई में पत्रकारों से कहा कि मुख्य गवाह की मौत से संकेत मिलता है कि कुछ गड़बड़ है।