तिब्बत के धर्मगुरु दलाई लामा( Dalai Lama ) मैक्लोडगंज स्थित अपने निवास से करीब सवा साल बाद बाहर आए। शनिवार को वह 10 किलोमीटर दूर धर्मशाला अस्पताल में कोरोना वैक्सीन की पहली डोज लगवाने पहुंचे। यहां डॉक्टरों ने उन्हें कोरोना वैक्सीन की डोज दी। जनवरी 2020 के बाद दलाई लामा पहली बार शनिवार को अपने निवास से बाहर आए हैं। भारत में बनी ‘कोविशील्ड ( Covishield ) वैक्सीन उनको स्वास्थ्य विभाग की टीम ने लगाई।
दलाई लामा ( Dalai Lama )पूरे सुरक्षा घेरे में धर्मशाला अस्पताल लाए गए। इसके लिए जिला प्रशासन और पुलिस की टीम ने पूरी तैयारी कर रखी थी। जिला प्रशासन की टीम दलाईलामा को तड़के ही धर्मशाला अस्पताल लेकर आई, ताकि लोगों को उनके आने की खबर पता नहीं लग पाए। प्रशासन ने ऐसी तैयारी दलाईलामा की सुरक्षा को ध्यान में रखकर की थी।
धर्मशाला ( Dharamsala )सहित पूरी दुनिया में दलाई लामा ( Dalai Lama )के लाखों अनुयायी हैं। करीब सवा साल बाद दलाई लामा के निवास से बाहर निकलने की जानकारी अगर अनुयायियों को लग जाती तो वे उनसे मिलने की कोशिश करते जिससे धर्मगुरु को संक्रमण का खतरा हो सकता था। इसलिए, उनको कड़े सुरक्षा घेरे में चुपचाप धर्मशाला अस्पताल लाया गया।
दलाई लामा ( Dalai Lama )की उम्र करीब 85 वर्ष उम्र है। दलाई लामा ने जनवरी 2020 में कोरोना संक्रमण फैलने के चलते अपने निवास स्थान मैक्लोडगंज से बाहर निकलना बंद कर दिया था। जनवरी से वह अपने निवास से दुनिया भर में ऑनलाइन तरीके से कार्यक्रमों से जुड़ रहे हैं। 14 महीने से वह अपने निवास में ही रह रहे हैं।
दलाई लामा ( Dalai Lama )लोगों से भी इस महामारी से बचने के लिए टीका लगवाने का आग्रह किया। डॉक्टरों ने इस आशय की जानकारी दी। वैक्सीन लगवाने के बाद 85 वर्षीय नोबेल शांति पुरस्कार विजेता दलाई लामा ने केंद्र और राज्य सरकारों को धर्मशाला के जोनल अस्पताल में कोविड वैक्सीन लेने की सुविधा के लिए धन्यवाद दिया।
उन्होंने टीका लगवाने के पात्र सभी लोगों विशेष रूप से ‘रोगियों’ से अपील की कि वे आगे आएं और अधिक से अधिक लाभ के लिए वैक्सीन लगवाएं। उन्होंने कहा कि यह बहुत महत्वपूर्ण है, इसलिए मैंने इसे वैक्सीन ली और मैं यह साझा करना चाहता हूं कि अधिक से अधिक लोगों को इंजेक्शन लेने का साहस दिखाना चाहिए।