पश्चिम बंगाल ( West Bengal) की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ( Mamata Banerjee) ने विधानसभा चुनावों के लिए 291 सीटों के लिए तृणमूल कांग्रेस ( TMC ) के उम्मीदवारों की सूची शुक्रवार को जारी की।तृणमूल कांग्रेस 291 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। तीन सीटें सहयोगी पार्टी गोरखा जनमुक्ति मोर्चा को दी गई हैं।
इस बार की लिस्ट में दो महत्वपूर्ण बातें नजर आ रही हैं। पहला महिला कैंडीडेट्स की संख्या बढ़ाई गई है। इस बार 50 महिला उम्मीदवारों को टिकट दिया गया है। कुल 7.18 करोड़ वोटर्स में से 3.15 करोड़ महिलाएं हैं। लोकसभा चुनाव में महिला वोटों का रुझान भाजपा ( BJP ) की तरफ ज्यादा देखा गया था। ममता बनर्जी आशंकित है हिन्दू वोटों का ध्रुवीकरण को लेकर,और यह डर जारी 291 की प्रत्याशियों की सूची में इस बार दिखाई भी दे रहा है। ध्रुवीकरण के डर के कारण इस बार मुस्लिम प्रत्याशियों की संख्या घटा दी है ।
ममता बनर्जी ( Mamata Banerjee ) ने कहा, ‘‘इस बार हमने अधिक युवाओं और महिला उम्मीदवारों पर जोर दिया है। इसके अलावा 23 से 24 मौजूदा विधायकों को इस बार चुनाव मैदान में नहीं उतारा गया है और सूची में लगभग 50 महिलाओं, 42 मुस्लिमों, 79 अनुसूचित जाति (एससी) और 17 अनुसूचित जनजाति (एसटी) उम्मीदवारों के नाम हैं।’’
राजनीतिक विश्लेषक कहते हैं ‘2011 में टीएमसी ने मुस्लिम समुदाय से 28 कैंडीडेट्स उतारे थे। 2016 में यह संख्या बढ़कर 57 पर आ गई। लेकिन इस बार संख्या 42 पर आ गई है। जबकि 2016 में मुस्लिमों ने एकतरफा टीएमसी को सपोर्ट किया था। तभी ममता बनर्जी 211 सीटें जीत सकी थीं।’ इसका कारण बताते हुए विश्लेषक कहते हैं, ‘धुव्रीकरण के डर से ऐसा किया गया है। राज्य में हिंदू-मुस्लिम का मुद्दा उठा हुआ है। ऐसे में हिंदू वोटों का धुव्रीकरण न हो जाए, इसलिए टीएमसी ने मुस्लिम प्रत्याशियों को कम कर हिंदू प्रत्याशियों की संख्या बढ़ाई है। राज्य में 70 फीसदी आबादी हिंदुओं की है। 27 फीसदी मुस्लिम आबादी है।’
राजनीतिक विश्लेषक कहते हैं कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ( Mamata Banerjee) को लगता है कि मुस्लिम इस बार भी उन्हें ही वोट करेंगे। हालांकि फुरफुरा शरीफ के पीरजादा अब्बास सिद्दीकी और एआईएमआईएम (AIMIM)चीफअसदुद्दीन ओवैसी(Asaduddin Owaisi ) दोनों ही अपने कैंडीडेट्स चुनाव में उतारने वाले हैं। ऐसे में मुस्लिम वोट बंट सकते हैं।