मध्यप्रदेश ( Madhya Pradesh ) के जबलपुर ( Jabalpur )में झूठी शान में प्रेम कहानी का दुखद अंत कर दिया गया। बहन की लव मैरिज से भड़के भाई ने ने गुरुवार ऑनर किलिंग (Honour killing ) को अंजाम दिया, युवती के भाई ने अपने ही जीजा विजेत कश्यप ( Vijet Kashyap )की कुल्हाड़ी से गला काटकर हत्या कर दी। उसका सिर बोरी में भरकर बाइक से 7 किलोमीटर दूर थाने पहुंचा और सरेंडर कर दिया। इधर, कुछ देर बाद ही मायके में रह रही उसकी बहन पंखे से फंदे में लटकी मिली।
जबलपुर ( Jabalpur )पुलिस की प्रारंभिक जांच में स्पष्ट हो चुका है कि युवती ने आत्महत्या की है। घटना 11 मार्च गुरुवार सुबह 9.30 बजे की है। 3 महीने पहले आरोपी की बहन घर से भागकर शादी की थी। रविवार को युवती ये कहकर घर आ गई कि उसका प्रेमी उसके साथ मारपीट करता है। वह इस रिश्ते से तंग आ गई है। बावजूद गांव में भी उसका पति पहुंच गया। वह उसे जबरन अपने साथ ले जाना चाहता था। इसी के बाद से ही आरोपी ने इस जघन्य हत्या की वारदात को अंजाम दिया।
जबलपुर ( Jabalpur ) के तिलवारा के रमनगरा बर्मन मोहल्ला निवासी मिंटू उर्फ धीरज शुक्ला (35) तिलवारा थाने में बोरी लेकर पहुंचा। बोरी से खून रिस रहा था। यह देखकर पुलिसकर्मी हैरान रह गए। पुलिस ने फौरन उसे हिरासत में ले लिया। फिर पता चला कि बोरी में मानव सिर है। पूछताछ में धीरज ने बताया कि उसने शंकरघाट तिलवारा निवासी विजेत कश्यप (40) की अपने गांव रमनगरा के बर्मन मोहल्ले के पास खेत की मेड़ पर हत्या कर दी है। पुलिस मौके पर पहुंची तो खेतों से गुजरती सड़क पर विजेत का धड़ मिला। उसके हाथ का कटा एक पंजा भी वहीं पड़ा था।
विजेत कश्यप 13 दिसंबर 2020 में धीरज की बहन पूजा (19) को घर से भगाकर शादी कर ली थी। पूजा के घरवालों ने 29 दिसंबर 2020 को तिलवारा थाने में गुमशुदशी दर्ज कराई थी। इसके बाद पुलिस ने 27 फरवरी 2021 को दोनों को पकड़ लिया था। तब 19 वर्षीय पूजा ने घर जाने से इनकार कर दिया था।
इसके बाद से विजेत उसके साथ जबलपुर ( Jabalpur ) के गढ़ा में किराये के मकान में रह रहा था। पिछले रविवार को ही पूजा विजेत का घर छोड़कर मां के घर आ गई। गुरुवार को विजेत रमनगरा गांव पहुंचा था। इसी दौरान धीरज शुक्ला ने उसकी हत्या कर दी।
विजेत की हत्या के बाद खून से सने हालत में धीरज घर पहुंचा। वहां मोबाइल और पर्स बहन पूजा को देकर वह बाइक से विजेत का सिर बोरी में लेकर थाने चला गया। इधर, पूजा दौड़कर छत पर बने कमरे में गई। वहां उसने लोहे के दरवाजे को बंद किया और सिंगल बेड पर कुर्सी रखकर चुनरी का फंदा पंखे में बांध कर लटक गई।
मां बबली पहुंची तो उसने दरवाजा नहीं खोला। खिड़की से झांक कर देखा तो उसके पैर लटके दिखे। फिर कुल्हाड़ी से कुंडी के पास की दीवार तोड़कर लोहे का दरवाजा खोला और फंदे से बेटी को उतारा। इसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची। एफएसएल टीम ने अपनी मौजूदगी में बबली से अंदर से दरवाजा बंद कर खुलवा कर उसकी बातों की तस्दीक भी की।
शंकरघाट रोड तिलवारा निवासी विजेत और पूजा के घर की दूरी लगभग तीन किमी है। विजेत इकलौता बेटा था। उसकी मां सुरेखा कश्यप की पहले ही निधन हो चुका है। पिता सुरेंद्र कश्यप के अलावा तीन बहनें चांदनी, शिवानी व शिल्पा हैं। भाई की हत्या की खबर पाकर मौके पर पहुंची बहन शिल्पा के मुताबिक थाने में समझौता हो गया था। पूजा के घरवालों ने लिखकर दिया था कि उन्हें इस शादी से कोई परेशानी नहीं है।