राजस्थान ( Rajasthan ) में पिछले साल जुलाई में सचिन पायलट (Sachin Pilot) खेमे की बगावत के समय फोन टेप करने( Phone Tapping )की बात सरकार ने मान ली है। सरकार ने विधानसभा में पूछे गए सवाल के जवाब में कहा है कि सक्षम स्तर से मंजूरी लेकर फोन टेप किए जाते हैं।
फोन टैपिंग ( Phone Tapping )पर राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार के कबूलनामे पर सियासी हलकों से लेकर विधानसभा तक माहौल गरमा गया है। फोन टैपिंग पर मंगलवार को विधानसभा में भाजपा ने जमकर हंगामा किया। हंगामे के कारण स्पीकर को चार बार सदन की कार्यवाही को स्थगित करना पड़ा। पहले 12:30 बजे और फिर 1 बजे और फिर 1.40 बजे आधे-आधे घंटे के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित की गई। 2.10 बजे सदन की कार्यवाही शुरू हुई। लेकिन 3.15 बजे फिर हंगामे के कारण सदन को चौथी बार आधे घंटे के लिए स्थगित करना पड़ा।
राजस्थान में फोन टैपिंग ( Phone Tapping )मामले को लेकर भाजपा सांसद राज्यवर्धन राठौड़ ने कांग्रेस सरकार और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot )को घेरा और कहा कि सरकार बचाने के लिए हर तरह के षडयंत्र रचे जा रहे हैं। राज्यवर्धन राठौड़ ने कहा कि कांग्रेस सरकार से जब विधानसभा में लिखित में सवाल किया गया तो उन्हें इस बात को स्वीकारा कि फोन टैपिंग की गई है।
राज्यवर्धन राठौड़ ने राज्य सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि जब राज्य सरकार में अंतर्कलह चल रही थी, उस समय मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा था कि अगर फोन टैपिंग ( Phone Tapping )हुई होगी तो मैं इस्तीफा दे दूंगा। लेकिन आज कांग्रेस सरकार ही विधानसभा में इस बात को स्वीकार कर रही है कि फोन टैपिंग हुई है।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस बताए कि क्यों फोन टैपिंग की जा रही थी। सरकार आज अपनी ही जनता की जासूसी कर रही है । जासूसी का लक्ष्य क्या है । मेहरबानी करके सरकार ऐसे मामले में फोन टैपिंग करें कि जहां देश के खिलाफ आर्थिक अपराध हो रहा हो। राठौड ने आगे कहा, ”इस फोन टैपिंग से, कौनसे गुंडे पकड़े गए राजस्थान सरकार बताए जो महिलाओं और बच्चियों पर संकट पैदा कर रहे थे।राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने सवाल उठाया कि रेप की बढ़ती घटनाओं पर भी प्रियंका-राहुल चुप हैं,उन्होंने यहां तक कह दिया कि उनकी आंखों का टेस्ट होना चाहिए।
बता दें कि कथित फोन टैपिंग का मुद्दा मंगलवार को विधानसभा भी में उठा जहां इस मुद्दे पर स्थगन प्रस्ताव को मंजूरी नहीं दिए जाने पर भाजपा के विधायकों ने शून्य काल में हंगामा किया और नारेबाजी की।
विधानसभा अध्यक्ष ने इस बारे में सरकार द्वारा विधानसभा में दी गयी जानकारी का हवाला देते हुए कहा कि इसमें फोन टैपिंग के बारे में कानून का जिक्र है और इसमें किसी व्यक्ति विशेष का फोन टैप किए जाने का जिक्र नहीं है और न ही स्थगन प्रस्ताव लाने वाले भाजपा विधायकों ने ऐसा कोई जिक्र किया है। इसलिए वे स्थगन प्रस्ताव खारिज करते हैं।
उल्लेखनीय है कि पिछले साल जुलाई अगस्त महीने में राज्य के कुछ जनप्रतिनिधियों के फोन टैप किए जाने के आरोपों के बीच भाजपा विधायक कालीचरण सराफ ने अगस्त में आहूत विधानसभा सत्र में एक तारांकित सवाल किया था। उन्होंने पूछा था, ‘क्या यह सही है कि विगत दिवसों में फोन टेप किए जाने के प्रकरण सामने आए हैं ? यदि हां, तो किस कानून के अंतर्गत एवं किसके आदेश पर? पूर्ण विवरण सदन की मेज पर रखें।’
इसका जवाब अब राज्य विधानसभा की वेबसाइट पर प्रकाशित हुआ। इसके अनुसार,’लोक सुरक्षा या लोक व्यवस्था के हित में या किसी ऐसे अपराध को प्रोत्साहित होने से रोकने के लिए जिससे लोक सुरक्षा या लोक व्यवस्था को खतरा हो टेलीफोन अन्तावरोध (इंटरसेप्ट) भारतीय तार अधिनियम 1885 की धारा 5(2), भारतीय तार अधिनियम (संशोधित) नियम 2007 के नियम 419 ए एवं सूचना प्रोद्योगिकी अधिनियम 2000 की धारा 69 में वर्णित प्रावधान के अनुसार सक्षम अधिकारी की स्वीकृति उपरान्त किया जाता है।’