इरडा (IRDA ) ने कहा है कोविड-19 का टीका( Covid vaccine ) लगने के बाद प्रतिकूल असर से अस्पताल में भर्ती होने वाले स्वास्थ्य बीमा धारकों का खर्च कंपनियां उठाएंगी। भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (Insurance Regulatory and Development Authority) ने इस बाबत बृहस्पतिवार को स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं।
ने कहा है कि स्वास्थ्य बीमा लेने वाले ग्राहक की कोविड-19 टीका लगने से तबियत खराब होती है। उसे अस्पताल में भर्ती कराना पड़ता है, तो वह इलाज के खर्च के लिए बीमा कंपनी से क्लेम कर सकेगा। बीमा नियामक ने पिछले दिनों स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी में कोविड-19 ( COVID-19 )के इलाज को शामिल कराया था, लेकिन इसमें टीके का खर्च शामिल नहीं किया गया था, जो अब भी पॉलिसी से बाहर है।
स्वास्थ्यकर्मियों ने बीमा कंपनियों से सवाल किया था कि कोविड-19 का टीका लगने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती होना पड़ा, तो इलाज का खर्च बीमा कंपनी उठाएगी। इस पर स्पष्टीकरण जारी करते हुए इरडा ने कहा है कि स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी की सामान्य नियम व शर्तों के निर्देशानुसार ग्राहक क्लेम कर सकता है।
इरडा (IRDA ) ने देश में स्वास्थ्य बीमा कवरेज को बढ़ाने के लिये बृहस्पतिवार को मानक स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी ‘आरोग्य संजीवनी’ में न्यूनतम सीमा को कम करके 50 हजार रुपये और अधिकतम सीमा को और बढ़ाकर दस लाख रुपये कर दिया।
भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (IRDA ) ने पिछले साल जुलाई में आरोग्य संजीवनी मानक स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी को लेकर दिशानिर्देश जारी किये थे। इसमें बीमा कंपनियों को न्यूनतम एक लाख रुपये और अधिकतम पांच लाख रुपये तक का अनिवार्य बीमा कवर देने को कहा गया था।
आरोग्य संजीवनी पॉलिसी में अस्पताल में भर्ती होने, भर्ती होने से पहले और बाद का खर्च, आयुष इलाज और मोतियाबिंद का इलाज कवर होता है। यह एक मानक स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी है जिसमें पॉलिसीधारक की मूलभूत आवश्यकताओं को ध्यान में रखा गया है।