कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए पुणे जाने वाली आईआरसीटीसी ( IRCTC )की दक्षिण भारत दर्शन ट्रेन को महाराष्ट्र (Maharashtra ) के नासिक ( Nashik ) से लौटा दिया गया। यात्री महाराष्ट्र में घृष्णेश्वर महादेव ज्योतिर्लिंग के दर्शन के लिए जा रहे थे। अब आईआरसीटीसी प्रशासन प्रति यात्री दो-दो हजार रुपये तक लौटाएगा।
आईआरसीटीसी ने 10 से 22 मार्च के लिए सात ज्योतिर्लिंगों के दर्शन को दक्षिण भारत यात्रा का पैकेज लॉन्च किया था। दिल्ली से रवाना ट्रेन लखनऊ होते हुए यात्रियों को ज्योतिर्लिंगों के दर्शन कराते महाराष्ट्र पहुंची।
बता दें कि आइआरसीटीसी ( IRCTC )ने भारत दर्शन ट्रेन 10 मार्च को सात ज्योतिर्लिंगों की यात्रा पर लखनऊ से रवाना हुई थी। इनमें से पांच ज्योतिर्लिंग के दर्शन श्रद्धालुओं को कराने के बाद ट्रेन जब बुधवार को नासिक ( Nashik ) पहुंची तो वहां जिला प्रशासन ने उन्हें प्लेटफार्म पर उतरने नहीं दिया।
आइआरसीटीसी ने रेलवे बोर्ड को इसकी सूचना दी, जिसके बाद नासिक( Nashik ) जिला प्रशासन से संपर्क कर यात्रियों को ठहरने के लिए धर्मशाला तक जाने की अनुमति दी गई। यह ट्रेन दो दिनों तक नासिक में रुकी रही, लेकिन जब जिला प्रशासन से अनुमति नहीं मिली तो इन श्रद्धालुओं को 20 के ग्रुप में धर्मशाला से स्टेशन तक जाने की अनुमति दी गई। यहां शाम को सभी श्रद्धालुओं को लेकर ट्रेन लखनऊ रवाना हो गई। वहीं अब भारतीय रेलवे खानपान एवं पर्यटन निगम (आइआरसीटीसी) सभी यात्रियों का दो दिन का किराया रिफंड करेगा।
चूंकि, वहां कोरोना तेजी से फैल रहा है, ऐसे में घृष्णेश्वर महादेव मंदिर के दर्शन को जा रहे यात्रियों की ट्रेन को नासिक में ही रोककर सीधे लौटा दिया गया। आईआरसीटीसी ( IRCTC )ने बताया कि ट्रेन में कुल 535 यात्रियों में से लखनऊ से 175 लोग थे।