उत्तर प्रदेश ( Uttar Pradesh) सरकार ने कानून-व्यवस्था को और चुस्त-दुरुस्त करने के लिए शुक्रवार तड़के यूपी पुलिस (UP police ) के 45 आईपीएस अधिकारियों ( IPS Officers ) की तैनाती में फेरबदल कर दिया। वाराणसी (Varanasi)और कानपुर (Kanpur ) में कमिश्नरेट प्रणाली लागू होने के साथ ही पुलिस आयुक्तों की तैनाती भी कर दी। एडीजी पद पर प्रोन्नत होने के बाद आगरा में बतौर आईजी तैनात ए सतीश गणेश को वाराणसी और डायल-112 में तैनात एडीजी असीम अरुण को कानपुर का पुलिस कमिश्नर बनाया है। एडीजी, आईजी, डीआईजी और एसएसपी स्तर के अन्य 43 आईपीएस अधिकारियों के कार्यक्षेत्र भी बदले गए हैं।
योगी सरकार ने बृहस्पतिवार को कैबिनेट में वाराणसी और कानपुर में पुलिस आयुक्त प्रणाली लागू करने के प्रस्ताव को मंजूरी देकर देर रात अधिसूचना जारी कर दी थी। शुक्रवार सुबह दोनों शहरों को पहले पुलिस कमिश्नर भी मिल गए। इसके अलावा 14 जिलों के पुलिस कप्तान बदले गए। इसी तरह डीआईजी पद पर प्रोन्नति के बाद भी जिलों में बतौर एसएसपी तैनात पांच में से चार आईपीएस अधिकारियों ( IPS Officers )को रेंज में तैनाती दी गई है। सिर्फ वाराणसी के डीआईजी/एसएसपी अमित पाठक को इसी पद पर गाजियाबाद भेजा गया है।
प्रदेश सरकार ने शुक्रवार तड़के 45 आईपीएस अफसरों का तबादला कर दिया है। इनमें से डीआईजी पद पर प्रोन्नति के बाद भी जिलों में बतौर एसएसपी तैनात पांच में से चार आईपीएस अधिकारियों को रेंज में तैनाती दी गई है।
एक आईजी व पांच डीआईजी स्तर के आईपीएस अधिकारियों ( IPS Officers )को लखनऊ, नोएडा, वाराणसी और कानपुर में संयुक्त व अपर पुलिस आयुक्त के पद पर तैनाती दी गई है। लखनऊ कमिश्नरेट में संयुक्त पुलिस आयुक्त नवीन अरोड़ा को आगरा रेंज का नया आईजी बनाया गया है। बरेली व वाराणसी में भी नए आईजी की तैनाती की गई है। गाजियाबाद में डीआईजी/एसएसपी की तैनाती की गई जबकि 13 अन्य जिलों में नए कप्तान बनाए गए हैं।
एडीजी स्तर के तीन अन्य अधिकारियों में एडीजी यातायात एवं सड़क सुरक्षा अशोक कुमार सिंह को असीम अरुण के स्थान डायल-112 का एडीजी बनाया गया है। उधर, वाराणसी के एडीजी/आईजी विजय सिंह मीणा को सतर्कता अधिष्ठान एडीजी लखनऊ और एडीजी/आईजी कानून-व्यवस्था के पद पर तैनात ज्योति नारायण को लखनऊ में ही एडीजी यातायात एवं सड़क सुरक्षा बनाया गया है। कई कप्तानों को जिले से हटाकर विभिन्न मुख्यालयों से संबद्ध किया गया जबकि इसी स्तर के अधिकारियों को मुख्यालय से जिलों की कमान दी गई है।