राजस्थान ( Rajasthan ) की राजधानी जयपुर ( Jaipur ) की जिला अदालत ने मंगलवार को 12 आतंकियों ( 12 Terrorists)को उम्रकैद की सजा सुनाई है। एक आरोपी को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया है। ये सभी आतंकी इंजीनियरिंग के स्टूडेंट थे। आतंकी संगना सिमी से जुड़कर इण्डियन मुजाहिदीन के लिए काम कर रहे थे।
इन्हें 2014 में राजस्थान एटीएस और एसओजी ने अरेस्ट किया था। आतंकी ( Terrorists)करार दिए गए स्टूडेंट्स में 6 सीकर के, 3 जोधपुर के, एक-एक जयपुर और पाली के और एक बिहार के गया का है। जिस स्टूडेंट को बरी किया गया है, वह जोधपुर का रहने वाला है।
ये राजस्थान में आतंकी संगठनों के लिए स्लीपिंग सेल के रूप में काम कर रहे थे। गुजरात के गोधरा और राजस्थान के भीलवाड़ा जिले के गोपालगढ़ में हुए दंगों का बदला लेने के लिए आतंकवादी हमला करने की साजिश रच रहे थे।
राजस्थान में सिमी ( SIMI )की स्लीपर सेल से जुड़ा यह मामला 7 साल पुराना है। दिल्ली में गिरफ्तार हुए आतंकियों से मिले इनपुट के आधार पर राजस्थान में एटीएस और एसओजी की टीमों ने 2014 में जयपुर, सीकर और कुछ दूसरे जिलों से 13 संदिग्ध युवकों को गिरफ्तार किया था। इन पर आरोप था कि ये प्रतिबंधित संगठन सिमी से जुड़े हैं और राजस्थान में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए बम बनाने जैसे कामों में लगे हैं।
तब एटीएस ने यह भी दावा किया था कि सिमी की स्लीपर सेल को एक्टिव करने के लिए जयपुर से गिरफ्तार हुए मारुफ के रिश्तेदार उमर ने इंटरनेट के जरिए संपर्क कर इन युवकों को संगठन से जोड़ा था। इसके बाद ये युवक एक्टिव होकर आतंकी गतिविधियों में शामिल हो गए। ये किसी साजिश को अंजाम दे पाते, इससे पहले ही एटीएस और एसओजी ने स्लीपर सेल से जुड़े इन 13 युवकों को पकड़ लिया। इस मामले में पिछले सात साल से कोर्ट में ट्रायल चल रहा था। इस केस में अभियोजन पक्ष ने 178 गवाह और 506 डॉक्यूमेंट्री एविडेंस कोर्ट में पेश किए।
ये आतंकी( Terrorists) फर्जी दस्तावेजों से सिम खरीदने, जिहाद के नाम पर फंड जुटाने, आतंकियों को शरण देने और बम विस्फोट के लिए रेकी करने जैसे मामलों में दोषी पाए गए हैं। यह भी सामने आया है कि ये गोपालगढ़ में हुई पुलिस फायरिंग से भी बौखलाए हुए थे। एटीएस ने इनके पास से लैपटॉप, फोन, पेन ड्राइव, किताबें, दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक सामान बरामद किया था। दिल्ली एटीएस की सूचना पर राजस्थान एटीएस ने 28 मार्च 2014 को इस मामले में FIR दर्ज की थी।