Friday, September 20, 2024

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Maharashtra: पुणे में रिश्वत मामले में स्थानीय अदालत की जज अर्चना जाटकर गिरफ्तार, 5 अप्रैल तक एंटी करप्शन ब्यूरो की कस्टडी में

Jaipur court

 ( की एंटी करप्शन ब्यूरो ( ) ने ( )में रिश्वत लेने के मामले में यहां की स्थानीय अदालत की जज अर्चना जाटकर ( judge  Archana Jatkar  ,को गिरफ्तार किया है। अधिकारी ने बताया कि एसीबी ने इससे पहले इस मामले में एक निलंबित पुलिस अधिकारी सहित तीन लोगों को गिरफ्तार किया था। कोर्ट ने जज को 5 अप्रैल तक एसीबी की कस्टडी में भेज दिया है। जाटकर के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की धारा 7 और 12 के तहत मामला दर्ज किया गया है।

,की सहायक पुलिस आयुक्त सीमा मेहंदले ने बताया कि प्रथम श्रेणी न्यायिक अधिकारी अर्चना जाटकर ( judge  Archana Jatkar  ,ने अपनी अग्रिम जमानत अर्जी बॉम्बे हाईकोर्ट से खारिज होने के बाद विशेष अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया।

एसीबी के मुताबिक इस मामले में एक आरोपी शुभावरी गायकवाड ने डेयरी कारोबार करने वाले शिकायतकर्ता से उसके खिलाफ वडगांव मावल कोर्ट में किसी मामले को रफा-दफा करने के लिए 2.5 लाख रुपये रिश्वत मांगी। शिकायतकर्ता ने एसीबी से इसकी शिकायत की, जिसके बाद गायकवाड को 13 जनवारी को 50,000 रुपये रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया।

जांच के दौरान निलंबित इंस्पेक्टर भानुदास जाधव सहित दो और लोगों को गिरफ्तार किया गया। जांच के दौरान ही इस मामले में जज ( judge  Archana Jatkar  की संलिप्तता पकड़ी गई। उन्होंने बताया कि जज के इशारे पर ही बाकी आरोपी काम कर रहे थे।अधिकारी ने बताया कि अदालत ने जाटकर की अग्रिम जमानत याचिका खारिज करते हुए उन्हें पांच अप्रैल तक एसीबी की हिरासत में भेज दिया।

इससे पहले पिछले माह     ( ) ने  मावल कोर्ट के न्यायिक मजिस्ट्रेट फर्स्ट क्लास (जेएमएफसी) को अग्रिम जमानत (Anticipatory bail) देने से इनकार कर दिया था ,न्यायमूर्ति सारंग कोतवाल ने कहा कि जेएमएफसी अर्चना जाटकर बहुत ही “जिम्मेदारी भरे पद” पर काबिज थीं और उनके खिलाफ लगे आरोपों की गंभीरता को देखते हुए सटीक जांच की आवश्यकता है।” ऐसे मामलों में न्यायिक प्रणाली पर से समाज का विश्वास नहीं उठना चाहिए। जांच एजेंसी को इस मामले में उचित तरीके से जांच करने की जरूरत है।”
जांच का हवाला देते हुए,  बॉम्‍बे हाईकोर्ट ने कहा कि जाटकर और गायकवाड़ ने एक-दूसरे को 147 से अधिक कॉल किए हैं। “ये बातचीत आवेदक के अपराध में शामिल होने के मजबूत संकेत हैं। दोनों आरोपियों के बीच के संबंधों और क्या किसी अन्य मामले में इन दोनों ने समान रूप से काम किया है, को समझने के लिए दोनों को हिरासत में लेकर पूछताछ करना आवश्यक है।”

 

Vijay Upadhyay

Vijay Upadhyay is a career journalist with 23 years of experience in various English & Hindi national dailies. He has worked with UNI, DD/AIR & The Pioneer, among other national newspapers. He currently heads the United News Room, a news agency engaged in providing local news content to national newspapers and television news channels