यूपी के बहुचर्चित हाथरस कांड ( Hathras Case ) के बाद दंगा फैलाने की साजिश के आरोप में पकड़े गए सीएफआई (CFI) के आठ सदस्यों के खिलाफ एसटीएफ (UP STF ) ने शनिवार को मथुरा ( Mathura) की अदालत में चार्जशीट दाखिल कर दी। सीएफआई सदस्यों पर दंगा फैलाने, विदेशी फंडिंग, आईटी एक्ट और राजद्रोह जैसे संगीन आरोप लगाए गए हैं। एसटीएफ ने 54 गवाहों के आधार पर पांच हजार पेज की चार्टशीट पेश की है।
एसटीएफ की टीम पांच हजार पेज की चार्जशीट को लेकर अदालत आई। इस चार्जशीट और केस डायरी को वह एक बॉक्स में रखकर लाई। जिसमें एसटीएफ द्वारा केस के अपने पास आने के बाद सीएफआई (CFI) सदस्यों से पूछताछ से लेकर पीसीआर तक के पर्चे दाखिल किए गए हैं। एसटीएफ ने सीएफआई ((CFI) ) सदस्यों पर राजद्रोह जैसे गंभीर धाराओं के संबंधित चार्ज भी लगाए हैं।
इस मामले के 180 दिन पूरे होने पर एसटीएफ के सीओ विनोद सिरोही की टीम ने एडीजे प्रथम अनिल कुमार पांडे की अदालत में चार्जशीट दाखिल कर दी है। चार्जशीट में एसटीएफ ने एफआईआर में मौजूद एक धारा को हटाया है, वहीं एक धारा को बढ़ाया है। शाम करीब चार बजे अदालत में यह चार्जशीट दाखिल की गई।
इस दौरान मथुरा जेल में बंद अभियुक्त रऊफ शरीफ, अतीकुर्र रहमान, सिद्दीक कप्पन, आलम, मसूद अहमद अदालत में मौजूद रहे। लखनऊ जेल में बंद दो अभियुक्त अंसद और फिरोज खान की पेशी वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से हुई। जबकि एक अभियुक्त दानिश की गिरफ्तारी पर हाईकोर्ट ने रोक लगा रखी है।
जिला शासकीय अधिवक्ता (डीजीसी) शिवराम तरकर ने बताया कि शनिवार को एसटीएफ ने चार्ज दाखिल कर दी है। वहीं अभियुक्तों के अधिवक्ता मधुवन दत्त चतुर्वेदी ने बताया कि न्यायालय में अब एक मई को सुनवाई होगी।