छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के बीजापुर ( Bijapur ) जिले के तर्रेम थाना क्षेत्र के टेकलगुड़ा के जंगल में शनिवार को नक्सलियों से हुई मुठभेड़ में शहीद जवानों की संख्या बढ़कर 23 हो गई है। 21 जवानों के शव बरामद कर लिए गए हैं, जबकि बाकी की तलाश जारी है। मुठभेड़ स्थल से दूसरे दिन रविवार को शहीद जवानोंके पार्थिव शरीर निकाले गए। बस्तर आइजी सुंदरराज पी. ने बताया कि इस मुठभेड़ में 31 जवान घायल हुए हैं। गंभीर रूप से घायल 13 जवानों को उपचार के लिए वायुसेना के हेलीकाप्टरों से रायपुर ले जाया गया। सुरक्षा बलों के जवान अब भी इलाके में सघन तलाशी अभियान में जुटे हैं।
छत्तीसगढ़ के बीजापुर ( Bijapur ) में हुए नक्सली हमले को लेकर नई दिल्ली में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ( Union Home Minister Amit Shah ) ने अपने आवास पर हाईलेवल मीटिंग बुलाई। बैठक में केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला, खुफिया ब्यूरो के निदेशक अरविंद कुमार, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) प्रमुख और गृह मंत्रालय के शीर्ष अधिकारी मौजूद रहे। मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि गृह मंत्री ने छत्तीसगढ़ में सुरक्षा हालात की समीक्षा के लिए बैठक की है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यह बैठक करीब 60 मिनट से ऊपर चली है। बैठक में नक्सली हमले के बारे में बिंदुवार चर्चा की गई है। बताया जा रहा है कि गृहमंत्री नक्सलियों के खिलाफ कड़े कदम उठा सकते हैं।
इससे पहले नक्सली हमले पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि जिन जवानों ने अपना खून बहाया है उनका बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। उचित समय पर इसका करारा जवाब दिया जाएगा। केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने कहा, ‘‘जहां तक संख्या का सवाल है, इसपर अभी कुछ कहना जल्दीबाजी होगी। हालांकि हमले में दोनों साइड को नुकसान हुआ है। लेकिन इतना आश्वस्त करता हूं कि हमारे जवानों की शहादत व्यर्थ नहीं जाएगी। हमले की वजह से गृहमंत्री अमित शाह ने असम में चुनावी दौरा रद्द कर दिल्ली लौट गए। दिल्ली में अमित शाह ने नक्सली हमले पर समीक्षा बैठक की।
बता दें कि छत्तीसगढ़ के बीजापुर ( Bijapur ) शनिवार को जब जवान लौट रहे थे, तभी एक टुकड़ी को नक्सलियों ने टेकलगुड़ा गांव के पास एंबुश में फंसा लिया। टेकलगुड़ा गांव एक ओर पहाड़ और तीन ओर से जंगल से घिरा है। मौके पर करीब छह घंटे तक रुक-रुककर फायरिग हुई। नक्सलियों ने यू आकार में एक किमी के दायरे में तीन जगह एंबुश लगा रखा था। एक ओर पहाड़ी से तो दूसरी ओर गांव से नक्सली फायरिग कर रहे थे।
जवान पोजीशन लेते इससे पहले ही पीछे से भी फायरिग होने लगी। दुर्दांत नक्सली माड़वी हिड़मा का इलाका दुर्गम जंगलों से घिरा यह इलाका नक्सलियों के बटालियन नंबर वन का इलाका है। इसका नेतृृत्व दुर्दांत नक्सली माड़वी हिड़मा करता है। हिड़मा के इस इलाके में होने की सूचना पर जवानों को सर्च आपरेशन पर भेजा गया था, पर नक्सली जाल बिछाकर बैठे थे।
बीजापुर जिले के तर्रेम थाना से होते हुए फोर्स शनिवार को दोपहर करीब 11.30 बजे टेकलगुड़ा गांव से सौ मीटर दूर पहुंची। तभी अचानक फायरिग शुरू हो गई। घायल जवान गांव की ओर भागे पर वहां पहले से नक्सली तैयार थे। मौके पर करीब छह घंटे में तीन मुठभेड़ हुई हैं। दूसरी मुठभेड़ दोपहर 3.30 बजे गांव में हुई और सबसे ज्यादा नुकसान यहीं हुआ। घायल जवानों पर गांव में छिपे नक्सलियों ने नजदीक से गोलियां बरसाईं।
अचानक हुए हमले के लिए जवान तैयार नहीं थे फिर भी उन्होंने अद्भुत बहादुरी का परिचय दिया। घटनास्थल के एक ओर पहाड़ी है, जिसमें नक्सलियों ने मोर्चा लगा रखा था। गोलियों की बौछार के बीच जवान नीचे खुले मैदान व खेत के बीच थे। पेड़ों की ओट लेकर लड़ते रहे घायल जवान मौके से जो तस्वीरें आई हैं, उनसे पता चलता है कि घायल होने के बावजूद जवान पेड़ों की ओट लेकर लड़ते रहे।
हालांकि आधुनिक हथियारों से लैस नक्सलियों ने बीजीएल, यूबीजीएल, कैंची बम आदि हथियारों से ताबड़तोड़ गोले दागे। शाम होने के बाद जवानों ने फायरिग रोकी और कैंप की ओर चले गए, जबकि नक्सली रातभर गांव और उसके आसपास मंडराते रहे। पहाड़ी पर पांच जवान शहीद हुए थे। जवानों के जाने के बाद नक्सलियों ने उन शवों को नीचे उतारकर उस पेड़ के पास रख दिया जहां पहले से ही एक जवान का शव पड़ा था। मुठभेड़ के बीच जवानों ने प्राथमिक उपचार भी किया गांव के भीतर खून के धब्बों के बीच एक इंजेक्शन की सीरिज व अन्य दवाइयां मिली हैं।