उत्तराखंड (Uttarakhand) के टिहरी गढ़वाल जिले ( Tehri Garhwal ) में शिकार की तलाश में जंगल गए सात दोस्तों में से चार युवकों की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार पैर फिसलने से शिकारी की भरी बंदूक का ट्रिगर दबने से गोली ठीक पीछे चल रहे एक युवक की छाती में जा लगी और घटना स्थल पर ही उसकी मौत हो गई। अचानक हुई घटना से अन्य सभी युवक डर गए। तीन युवकों ने आनन-फानन में निकटवर्ती छानी में जाकर जहर खा आत्महत्या (suicide ) कर ली।
घटना टिहरी गढ़वाल ( Tehri Garhwal ) जिला मुख्यालय से करीब 100 किलोमीटर दूर भिलंगना ब्लॉक के कुंडी गांव की है।यहां के छह युवकों को निकटवर्ती खवाड़ा गांव निवासी उनके दोस्त राजीव उर्फ रजी (22) पुत्र प्रताप सिंह का शनिवार रात करीब आठ बजे फोन आया कि जंगल शिकार करने चलते हैं। इसके बाद संतोष (19) पुत्र दिलीप सिंह, सोबन सिंह (21) पुत्र केशर सिंह, पंकज सिंह (22) पुत्र अब्बल सिंह, अर्जुन सिंह (20) पुत्र नैन सिंह, राहुल (20) पुत्र मोहन सिंह और सुमित (18) पुत्र कुंदन सिंह सभी निवासी ग्राम कुंडी तहसील बालगंगा शिकार करने के लिए गांव से ऊपर जंगल की ओर निकल पड़े। लेकिन रात तक घर नहीं लौटे। रात 10 बजे बाद स्वजन उनकी तलाश में जुटे। वे कुछ दूरी तक जंगल में भी गए, लेकिन कुछ पता नहीं चला।
इस बीच, जंगल गए सात युवकों में से दो युवक राहुल (20) और सुमित (18) रात करीब तीन बजे गांव लौट आए। इन युवकों ने गांव वालों को बताया कि वह सभी खवाड़ा गांव निवासी रज्जी के साथ शिकार करने निकले थे। पहले वह रज्जी की छानी (गौशाला) में गए। रज्जी ने वहां बंदूक रखी हुई थी। यहां से वह शिकार की तलाश में आगे बढ़े, रात करीब आठ बजे रास्ते में राजीव अचानक फिसल कर गिर गया। इसी दरम्यान बंदूक से फायर हो गया, जो संतोष को लगा। उसकी मौके पर ही मौत हो गई। इससे वह डर गए। इसके बाद वे सभी संतोष का शव लेकर दो किलोमीटर दून रज्जी की छानी में आए।
वहीं, आरोपी बंदूक समेत फरार हो गया है। हालांकि दो युवक सकुशल गांव पहुंचे और घटना की सूचना दी। सूचना पर परिजन और ग्रामीण घटनास्थल पर पहुंचे, तो वहां देखकर उनके होश उड़ गए। घटना के बाद कुंडी गांव में कोहराम मचा हुआ है।इन सातों दोस्तों ने गत वर्ष टिहरी गढ़वाल ( Tehri Garhwal ) इंटर कॉलेज विनयखाल से 12वीं की परीक्षा उत्तीर्ण की थी।
प्रत्यक्षदर्शी राहुल और सुमित ने बताया गांव के ताना नामे तोक में बंदूक के साथ रजी आगे-आगे चल रहा था और उसके पीछे संतोष व अन्य लोग टार्च के सहारे जा रहे थे। अचानक रात करीब 11 बजे रजी का पैर फिसला और उसके कंधे पर रखी बंदूक का ट्रिगर दबा और पीछे चल रहे संतोष की छाती पर लग गई, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। साथ चल रहे सभी दोस्तों के होश उड़ गए। बताया कि शव को लेकर वे किसी तरह आरोपी रजी की करीब आधे किमी दूर चौलाह नामे तोक में स्थिति छानी में पहुंचे। वहां आलू व सब्जियों में छिड़काव के लिए रखे कीटनाशक को साथ लेकर सभी थोड़ी ही दूर पर स्थित नीचे की ओर कुंडी गांव के खोली खाल नामे तोक में उत्तम दास की छानी में चले गए। वहां रजी, सोबन, पंकज और अर्जुन ने राहुल और सुमित से कहा कि तुम दोनों घर के अकेले हो।
गांव जाओ हम लोग घटना से शर्मिंदा है और जहर खा रहे हैं। सोबन, पंकज और अर्जुन ने कीटनाशक गटका और रजी ने कहा कि मैं ऊपर अपनी छानी में खाऊंगा और वहां से फरार हो गया। जबकि राहुल और सुमित गांव लौट गए। बताया जा रहा है कि मृतक तीनों युवकों ने जहर खाने से पहले सूचना घर वालों को भी दे दी थी। रविवार तड़के चार बजे के करीब तीनों के परिजन व अन्य लोग घटना स्थल पर पहुंचे और उन्हें सीएचसी बेलेश्वर ले गए। जहां डॉक्टरों ने पंकज और अर्जुन को मृत घोषित कर दिया, जबकि सोबन की भी कुछ देर बाद इलाज के दौरान मौत हो गई। घटनास्थल यानी छानी के पास बगैर सिम का एक टूटा हुआ मोबाइल मिला है। यह रज्जी का होने को अनुमान है। इसकी जांच की जा रही है।