छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के बीजापुर ( Bijapur ) में हुए नक्सली हमले में अगवा किए गए सीआरपीएफ जवान( CRPF jawan ) राकेश्वर सिंह को नक्सलियों ने छोड़ दिया है। पति की रिहाई पर जवान की पत्नी ने सरकार को धन्यवाद कहा है। अधिकारिक सूत्रों ने बताया कि राकेश्वर सिंह जंगल के रास्ते वापस लौटे हैं। उनके वापस आने पर उन्हें बीजापुर सीआरपीएफ कैंप ले जाया गया।
बताया जा रहा है कि राकेश्वर इस समय तर्रेम में 168वीं बटालियन के कैंप में है। वहां उनका मेडिकल चेकअप किया जा रहा है। उन्हें कैसे और किसके साथ रिहा किया गया। कितने बजे वह कैंप पहुंचे, इन सभी बातों का अभी खुलासा नहीं हो पाया है।
नक्सलियों से बात करने के लिए कुछ सोशल वर्कर्स को भेजा गया था। इनमें पद्मश्री धरमपाल सैनी, गोंडवाना समन्वय समिति के अध्यक्ष तेलम बोरैया के साथ कुछ और लोग शामिल थे। ऐसी चर्चा है कि इनसे बातचीत के बाद ही जवान को छोड़ा गया है। अभी इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। यह भी साफ नहीं हुआ है कि जवान को छोड़ने के बदले नक्सलियों ने कोई शर्त रखी है या नहीं।
बता दें कि छत्तीसगढ़ के सुकमा-बीजापुर बॉर्डर पर तीन अप्रैल को नक्सलियों और सुरक्षा बलों के बीच मुठभेड़ हुई थी। इस घातक हमले में सुरक्षा बलों के 22 जवान शहीद हो गए थे। मुठभेड़ के बाद से सीआरपीएफ जवान( CRPF jawan ) कोबरा कमांडो राकेश्वर सिंह मन्हास लापता थे। बाद में पता चला कि नक्सलियों ने उन्हें अगवा कर लिया था।
बेटे की रिहाई पर राकेश्वर सिंह मन्हास की मां कुंती देवी ने कहा कि हम बहुत ज्यादा खुश हैं। जो हमारे बेटे को छोड़ रहे हैं उनका भी धन्यवाद करती हूं। भगवान का भी धन्यवाद करती हूं। जब सरकार की बात हो रही थी तो मुझे थोड़ा भरोसा तो था परन्तु विश्वास नहीं हो रहा था। राकेश्वर की रिहाई के बाद उनकी पत्नी मीनू ने कहा कि आज मेरी जिंदगी का सबसे खुशी भरा दिन है। मुझे उनके लौटने का पूरा भरोसा था। इसके लिए सरकार का धन्यवाद।
सीआरपीएफ जवान( CRPF jawan ) के अगवा होने की खबर सामने आने के बाद से ही जम्मू स्थित उनके परिवार के सदस्य लगातार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उनकी रिहाई को लेकर गुहार लगा रहे थे। बुधवार को ही राकेश्वर सिंह को नक्सलियों के कब्जे से छुड़ाने के लिए खौड़ के गांव पगांली, भोरपुर, दानपुर, मट्टू, चक मलाल सहित अन्य कई गांवों के लोगों ने प्रदर्शन किया था। इस दौरान गांव मट्टू पुली के पास अखनूर-पलांवाला मुख्य मार्ग को बंद रखा गया था।