लोकायुक्त ने केरल( Kerala ) के उच्च शिक्षा एवं अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री केटी जलील( Minister KT Jaleel )को सत्ता के दुरुपयोग, भाई-भतीजावाद और संविधान की शपथ के उल्लंघन का दोषी पाया है। लोकायुक्त ने कहा कि मंत्री मंत्रिमंडल में नहीं रह सकते, उन्हें हटाया जाए।
रिपोर्ट के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति साइरिक जोसफ ( Justice Cyriac Joseph )और उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति हारुन-उल-राशिद( Justice Harun-Ul-Rashid ) की अध्यक्षता वाली लोकायुक्त पीठ ने कहा कि मंत्री ने व्यक्तिगत हित में अपने दूसरे चचेरे भाई का पक्ष लिया और कर्तव्यों के निर्वहन की शपथ का उल्लंघन किया।
लोकायुक्त जस्टिस सिरैक जोसेफ और उप लोकायुक्त हारुल उल रशीद ने मंत्री जलील( KT Jaleel ) के खिलाफ मुस्लिम यूथ लीग के मुहम्मद शफी की शिकायत को सही पाया और जांच के बाद अपना निर्णय दिया।
यह मामला 2018 का है जब केरल में अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रालय के तहत जलील ने अपने करीबी रिश्तेदार केटी अदीब को केरल राज्य अल्पसंख्यक विकास वित्त निगम का महाप्रबंधक नियुक्त किया।
लोकायुक्त ने अपने फैसले में कहा कि मंत्री ने अपने रिश्तेदार केटी अदीब को केरल राज्य अल्पसंख्यक विकास वित्त निगम लिमिटेड का महाप्रबंधक बनाकर अपने पद का दुरुपयोग किया। लोकायुक्त ने यह भी कहा कि पद के जरूरी शैक्षणिक योग्यता में भी बदलाव किया।
लोकायुक्त के समक्ष यह शिकायत मंत्री केटी जलील ( KT Jaleel ) के ही गृह जिले मलप्पुरम के निवासी पीके मोहम्मद शफी ने की थी , उनके वकील जॉर्ज पूनटोटेम ने कहा कि फैसला बहुत स्पष्ट है और लोकायुक्त ने कहा है कि जलील को मंत्री के रूप में बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है।अभी बीते 6 अप्रैल केरल विधानसभा चुनाव के लिये हुये मतदान में केटी जलील ने मलप्पुरम( Malappuram )जिले के थावनूर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा था।