
राजस्थान ( Rajasthan ) में आय से अधिक सम्पति के मामले में शुक्रवार को सीबीआई (CBI )ने उदयपुर ( Udaypur ) में तैनात आयकर आयुक्त(अपील) अलका राजवंशी जैन ( Alka Rajvanshi Jain )जोधपुर में रेल विकास निगम( Rail Vikas Nigam Ltd )के जीएम उनके पति अमित जैन( Amit Jain )के घरों पर छापा मारा। इनके यहां करोड़ों की अघोषित आय की जानकारी मिली है।
सीबीआई (CBI )ने उदयपुर की आयकर आयुक्त (अपील) ( Commissioner of Income-Tax Appeals) और उनके नौकरशाह पति के खिलाफ 5.5 करोड़ रुपये की आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज किया है। जांच एजेंसी ने शुक्रवार को तीन शहरों में अधिकारी दंपती के ठिकानों पर छापे भी मारे। छापे के दौरान करोड़ों रुपये की नकदी, जेवरात और दस्तावेज बरामद किए गए हैं।
सीबीआई (CBI ) के मुताबिक, अलका राजवंशी 1989 बैच की भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) की अधिकारी हैं, वहीं उनके पति अमित जैन इसी बैच के भारतीय रेलवे इंजीनियरिंग सेवा (आईआरईएस) के अधिकारी हैं और फिलहाल रेल विकास निगम लिमिटेड में ग्रुप जनरल मैनेजर के पद पर तैनात हैं। इन दोनों के अलावा सीबीआई ने एफआईआर में चार्टर्ड अकाउंटेंट विकास राजवंशी को भी गैरकानूनी संपत्ति बनाने में मददगार के तौर पर आरोपी बनाया है।
अधिकारियों ने बताया कि जांच एजेंसी सीबीआई (CBI ) ने शुक्रवार को आरोपियों के जयपुर , जोधपुर और उदयपुर स्थित आवासीय ठिकानों और कार्यालयों पर छापे मारे। छापों में करीब 7.96 करोड़ रुपये की अचल संपत्तियों के दस्तावेज, करीब 70.4 लाख रुपये के बैंक बैलेंस व एफडी, 13.20 लाख रुपये की नगदी, जेवरात और तीनों शहरों में विभिन्न बैंकों में मौजूद लॉकरों का ब्योरा हाथ लगा है। इन सभी की जांच की जा रही है।
अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई को एक पुष्ट सूत्र से आरोपी दंपती के खिलाफ इनपुट मिला था। सूत्र ने दंपती पर अप्रैल, 2010 से जून 2018 के बीच अपने नाम से बड़े पैमाने पर चल-अचल संपत्ति जमा की है, जो उनकी कानूनी आय से करीब 5,53,763 रुपये ज्यादा है।
उन्होंने कहा कि दंपती के नाम पर 2010 में महज 35.14 लाख रुपये की संपत्ति थी, जो जून, 2018 में बढ़कर 8.80 करोड़ रुपये तक पहुंच गई। इस दौरान जैन दंपती ने जहां अपने वेतन, कर्ज, जीपीएफ निकासी आदि के जरिये 3.72 करोड़ रुपये जुटाए, वहीं विभिन्न कर्जों के भुगतान में 80.06 लाख रुपये खर्च किए।
सीबीआई सूत्रों के अनुसार आयकर से जुड़े मामलों में बकाया टैक्स के विवाद की स्थिति में कोई भी कारोबारी अपील करता है तो उस पर सुनवाई का अधिकार (फैसलेस असेसमेंट शुरू होने से पहले तक) आयुक्त (अपील) के पास होता है। यानी, उस मामले में अपील करने वाले कारोबारी को राहत देनी है या नहीं, उस पर फैसला करने की जिम्मेदारी राजवंशी पर रहती हैं।
इसी तरह, उनके पति अमित जैन रेलवे की कंपनी रेल विकास निगम लिमिटेड जोधपुर में ग्रुप जनरल मैनेजर हैं। रेलवे की इस कंपनी के जरिए करोड़ों के ठेके, रेलवे की डबल लाइन पर सिग्नलिंग के काम की मॉनिटरिंग की जिम्मेदारी रहती है। सीबीआई की प्रारंभिक पड़ताल में यही सामने आया कि इन दोनों ने ही अपने पद का दुरुपयोग करते हुए करोड़ों की संपत्ति अर्जित की और उसी से करोड़ों का निवेश प्रोपर्टी व बैंकों में किया था।