प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी( PM Narendra Modi ) शनिवार को बंगाल में बागडोगरा हवाईअड्डे पर उतर कर पद्मश्री बाइक एंबुलेंस दादा के नाम से मशहूर करिमुल हक ( Karimul Haque ) से मिले, जहां दोनों एक-दूसरे के गले लगे। करिमुल हक को उनकी नि:स्वार्थ सेवा के लिए जाना जाता है।
वे अब तक इस काम के जरिए 4000 लोगों की जान बचा चुके हैं। पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित करीमुल हक ( Karimul Haque ) की सैकड़ों लोगों को प्रेरित करने वाली कहानी पर किताब लिखी जा चुकी है। ‘बाइक एम्बुलेंस दादा, द इंस्पायरिंग स्टोरी ऑफ करीमुल हक: द मैन हू सेव्ड 4000 लाइव्स’ हक की आधिकारिक बायोग्राफी है। इसे पत्रकार एवं सामाजिक उद्यमी बिस्वजीत झा ने लिखा है।
हक ( Karimul Haque ) चाय बागान में काम करते हैं। वे बाइक पर बैठाकर लोगों को आस पास के क्षेत्रों में इलाज के लिए लेकर जाते हैं। उनकी इस अनूठी सेवा के लिए उन्हें 2017 में पद्मश्री सम्मान से नवाजा गया। वक्त पर इलाज नहीं मिलने की वजह से 1995 में हक की मां का हार्ट अटैक से निधन हो गया था।
उसके बाद से ही हक ( Karimul Haque ) ने फैसला किया कि एंबुलेंस की कमी के कारण किसी मरीज को अस्पताल तक पहुंचने में दिक्कत न हो इसलिए बाइक एंबुलेंस की शुरुआत की। 1998 से हक करीब 20 गांवों में अपनी सेवा दे रहे हैं। डुआर्स क्षेत्र में ढांचागत सुविधाओं का जबर्दस्त अभाव है। यहां पानी, बिजली और सड़क की सुविधाओं के लिए भी लोग जूझ रहे हैं।
इसके अलावा सबसे नजदीकी अस्पताल भी गांव से 45 किलोमीटर दूर है। बता दें, इससे पहले पश्चिम बंगाल ( West Bengal) के हुगली में आयोजित एक जनसभा के दौरान भी प्रधानमंत्री ने अल्पसंख्यक समुदाय के एक मतदाता को पास आकर अपनी बात कहने की इजाजत दी थी। उसने पीएम की कान में कुछ कहा, जिसे उन्होंने बड़े गौर से सुना था।