पश्चिम बंगाल ( West Bengal) चुनाव में सुरक्षाबलों और चुनाव आयोग ( Election Commission ) पर तीखे भड़काऊ बयान दे रहीं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ( Mamata Banerjee ) के प्रचार करने पर 24 घंटे की रोक लग गई है। इलेक्शन कमीशन ने सोमवार शाम को इसकी घोषणा की। यह रोक सोमवार रात 8 बजे से शुरू हो गई। यह कार्रवाई धार्मिक समुदाय को लेकर दिए बयान पर की गई है।
चौथे फेज की वोटिंग के दौरान कूचबिहार में फायरिंग में 4 लोगों की मौत के बाद चुनाव आयोग ने किसी भी नेता के जिले में जाने पर 72 घंटे की रोक लगा दी थी। इसके बाद से ममता ( Mamata Banerjee )लगातार इस मसले पर बयान दे रही हैं।
ममता बनर्जी ( Mamata Banerjee )ने मुसलमान मतदाताओं से भाजपा को वोट न देने की अपील करने और महिलाओं से राज्य में चुनाव व्यवस्था बनाए रखने के लिए तैनात सुरक्षाबलों का घेराव करने की अपील की थी। आयोग ने इसे लेकर उन्हें दो नोटिस जारी किए थे। इन नोटिस पर ममता के जवाब से नाखुश चुनाव आयोग ने यह कदम उठाया। इसके साथ ही चुनाव आयोग ने ममता बनर्जी के आरोपों को भी पूरी तरह से तथ्यहीन करार दिया।
चुनाव आयोग ने कहा, आपके (ममता बनर्जी) हाथ से लिखे गए नोट में जो आरोप लगाए गए हैं उनकी रिपोर्ट का अध्ययन करने से खुद ही साफ हो जाता है कि आपके आरोप तथ्यात्मक रूप से गलत हैं। चुनाव आयोग ने कहा कि ये आरोप बिना किसी पुख्ता सबूत के लगाए गए हैं और जो कहा गया है वैसा कुछ नहीं है।
निर्वाचन आयोग ने कहा, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ( Mamata Banerjee )ने आदर्श आचार संहिता के प्रावधानों का उल्लंघन किया है। उन्होंने ऐसी टिप्पणियां की हैं जिनसे कानून व्यवस्था के बिगड़ने का खतरा पैदा हुआ है। इसके साथ ही उन्होंने इस तरह के बयान दिए हैं जिनसे चुनावी प्रक्रिया पर प्रतिकूल असर पड़ा है।
इस संबंध में निर्वाचन आयोग की ओर से जारी एक आदेश में बनर्जी( Mamata Banerjee ) को ऐसे बयान देने से बचने की सलाह दी गई। इसमें कहा गया, ‘आयोग पूरे राज्य में कानून व्यवस्था की गंभीर समस्याएं पैदा कर सकने वाले ऐसे बयानों की निंदा करता है और ममता बनर्जी को सख्त चेतावनी देते हुए सलाह देता है कि आदर्श आचार संहिता प्रभावी होने के दौरान सार्वजनिक अभिव्यक्तियों के दौरान ऐसे बयानों का उपयोग करने से बचें।’