उत्तर प्रदेश ( Uttar Pradesh) में रिश्वतखोर व्यवस्था ने बरेली ( BAREILLY ) जिले के आंवला के रामनगर में कपड़े की फेरी लगाने वाले शिशुपाल को आत्महत्या के लिये किया मजबूर कर दिया। शिशुपाल ने सुसाइड नोट में बेटी की बरामदगी के लिए पुलिस चौकी इंचार्ज पर एक लाख रुपये मांगने का आरोप लगाते हुए फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली । मौके पर पहुंचे पुलिस चौकी इंचार्ज ने सुसाइड नोट में अपना नाम देख इसे फाड़कर नष्ट करने की कोशिश की जिसे देख लोग भड़क गये, भड़के गांव वालों ने पुलिस चौकी इंचार्ज को बंधक बना लिया।
बरेली ( Bareilly) फोर्स लेकर सीओ उन्हें छुड़ाने पहुंचे तो गुस्साई भीड़ ने उन पर भी पथराव कर दिया। इसमें दो सिपाही घायल हो गए। एसएसपी ने चौकी इंचार्ज को लाइन हाजिर कर एसपी देहात को जांच सौंपी है।
फेरी लगाकर कपड़ा बेचने वाले इस शख्स की बेटी ने चार दिन पहले अगवा कर ली थी। आरोप है कि पुलिस उसे जानबूझकर बरामद नहीं कर रही थी। गांव वालों के मुताबिक फेरी व्यापारी की जेब से मिले सुसाइड नोट में उसने अपनी मौत का जिम्मेदार रामनगर चौकी के इंचार्ज को बताते हुए लिखा था कि वह उसकी बेटी ढूंढने के लिए एक लाख रुपये मांग रहा था।
खुदकुशी की सूचना पर बरेली ( Bareilly) में रामनगर चौकी इंचार्ज रामरतन सिंह सिपाहियों के साथ मौके पर पहुंचे तो गांव वालों ने सुसाइड नोट फाड़कर फेंक देने का आरोप लगाते हुए उन्हें बंधक बना लिया। यह सूचना मिलने पर सीओ चमन सिंह चावड़ा कई थानों की पुलिस और आरएएफ के साथ गांव पहुंचे। चौकी इंचार्ज को छुड़ाने की कोशिश के दौरान एक सिपाही ने डंडा चलाया तो गांव वालों ने पथराव कर दिया। सिपाही अर्जुन सिंह और धीरज इसमें घायल हो गए।
इसके बाद चौकी इंचार्ज को छुड़ाने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। पुलिस और गांव वालों में टकराव के बीच गांव पहुंचे पूर्व सिंचाई मंत्री धर्मपाल सिंह और भाजपा के आंवला जिलाध्यक्ष वीर सिंह पाल ने एसपी देहात राजकुमार अग्रवाल से बात की और चौकी इंचार्ज के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का आश्वासन देकर लोगों को शांत किया।