उत्तर प्रदेश ( Uttar Pradesh) की राजधानी लखनऊ ( Lucknow) में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में की स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा गई हैं। मंगलवार को योगी सरकार के कानून मंत्री ब्रजेश पाठक ( Brajesh Pathak ) ने हेल्थ डिपार्टमेंट के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी और प्रिंसिपल सेक्रेटरी को पत्र लिखा। पत्र में उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के बदहाल हालातों पर मंत्री ने न सिर्फ जिम्मेदार अधिकारियों को बल्कि उत्तर प्रदेश सरकार को भी जमकर घेरा।
इसमें कहा गया कि लखनऊ के स्थिति बहुत चिंताजनक है। अस्पतालों में बेड नहीं हैं, न तो मरीजों को समय पर एंबुलेंस मिल रही है और न ही उनका इलाज हो पा रहा है।कानून मंत्री ने कहा कि पद्मश्री डॉक्टर योगेश प्रवीण को एंबुलेंस दिलाने के लिए फोन किया, लेकिन एंबुलेंस नहीं आई। कोरोना के मौजूदा हालात को अंगर कंट्रोल नहीं किया गया तो हमें लखनऊ में लॉकडाउन लगाना पड़ सकता है।
कानून मंत्री ब्रजेश पाठक ( Brajesh Pathak ) ने लिखा कि मेरी विधानसभा क्षेत्र के पद्मश्री साहित्यकार डॉ. योगेश प्रवीण की सोमवार दोपहर अचानक तबीयत बिगड़ी, जिसकी सूचना मिलने पर मैंने खुद CMO से फोन पर बात की और उन्हें तत्काल एंबुलेंस मुहैया कराने का अनुरोध किया, लेकिन कई घंटों के बाद भी उन्हें एंबुलेंस नहीं मिल पाई और समय से इलाज न मिल पाने के कारण उनकी मौत हो गई।
कानून मंत्री ब्रजेश पाठक ( Brajesh Pathak ) ने कहा कि जिले में हर दिन 4-5 हजार कोरोना केस मिल रहे हैं। ऐसे में लखनऊ में प्राइवेट पैथोलॉजी सेंटर में कोविड टेस्ट बंद करा दिया गया है। सरकारी अस्पतालों में जांच रिपोर्ट आने में कई दिन लग रहे हैं। हेल्थ डिपार्टमेंट के एक बड़े ऑफिसर से एक हफ्ते पहले बात हुई थी, उन्होंने बताया कि रोजाना 17,000 टेस्टिंग किट की जरूरत है, लेकिन सिर्फ 10,000 किट ही मिल पा रही हैं।
कैबिनेट मंत्री ने पत्र में अनुरोध किया है कि कोविड-19 अस्पतालों में बेड की संख्या बढ़ाई जाए। जांच की संख्या बढ़ाई जाए और प्राइवेट हॉस्पिटल, इंस्टीट्यूट और पैथोलॉजी में जांच फिर शुरू की जाए। पहले की तरह रैंडम टेस्ट शुरू किए जाएं और RT-PCR की जांच रिपोर्ट 24 घंटे में दी जाए।
मंत्री ने आगे कहा कि गंभीर रोगियों को तुरंत भर्ती कराने की सुविधा दी जाए। रेमडेसिविर इंजेक्शन पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराया जाए। जो हार्ट, किडनी, लीवर, कैंसर डायलिसिस और अन्य रोग से जूझ रहे हैं, उनकी और भी अधिक दयनीय स्थिति है, क्योंकि उन्हें इलाज नहीं मिल पा रहा है।
कानून मंत्री की चिट्ठी सामने आने के बाद विपक्ष योगी सरकार पर हमलावर है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कैबिनेट मंत्री की चिट्ठी सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए कहा कि जिस मुख्यमंत्री से लखनऊ नहीं संभल रहा है उससे UP क्या संभलेगा? कहा कि लखनऊ के हालात बेहद खौफनाक और चिंताजनक हैं। UP सरकार के कानून मंत्री की यह चिट्ठी स्वास्थ्य व्यवस्था का हाल बयां कर रही है।