उत्तर प्रदेश ( Uttar Pradesh) में कोरोना कहर बरपा रहा स्वास्थ्य सेवाएं फेल साबित हो रही है,कोविड-19 ( COVID-19 ) संक्रमण की दर रविवार को 12.93 फ़ीसदी पर पहुंच गया है। जबकि 14 अप्रैल को यह 9.76 फ़ीसदी था। उत्तर प्रदेश में तमाम प्रयास के बाद भी कोविड-19 ( COVID-19 ) संक्रमण थमने का नाम नहीं ले रहा है। रविवार को 30,596 नए कोरोना संक्रमित मरीज पाए गए हैं। अब कुल मरीजों की संख्या 851620 हो गई है।
इसी तरह विभिन्न अस्पतालों से 9041 मरीजों के डिस्चार्ज होने के बाद अब तक कोविड-19 ( COVID-19 ) को मात देने वालों की संख्या 650333 हो गई है। बीते 24 घंटे के दौरान 129 लोगों ने दम तोड़ दिया। अब तक 9830 लोगों की मौत हो चुकी है। इन दिनों 191457 एक्टिव केस हैं। बीते 24 घंटे के दौरान स्वास्थ्य विभाग की टीम ने 236492 सैंपल की जांच की है।
लखनऊ में 5551, प्रयागराज में 1711, कानपुर नगर में 1839, वाराणसी में 2011, गौतम बुध नगर में 700, गाजियाबाद में 253, गोरखपुर में 781, मेरठ में 782, बरेली में 868, झांसी में 994, मुरादाबाद में 357, आगरा में 440, लखीमपुर खीरी में 590, जौनपुर में 511, रायबरेली में 345, मथुरा में 360, अयोध्या में 357, आजमगढ़ में 411, गाजीपुर में 814, सोनभद्र में 415, रामगढ़ में 390, सुल्तानपुर में 486, उन्नाव में 566 मरीज पाए गए हैं। अन्य जिलों में 300 से कम मरीज मिले हैं। हाथरस में सबसे कम 23 मरीज पाए गए हैं।
लखनऊ में 22, प्रयागराज में 15, कानपुर नगर में आठ, वाराणसी में 10, गौतम बुध नगर में तीन, गाजियाबाद में दो, मेरठ में दो, बरेली में चार झांसी में दो, मुरादाबाद में चार आगरा में तीन, सहारनपुर में दो ,मुजफ्फरनगर में एक , बलिया में दो ,लखीमपुर खीरी में दो ,मथुरा में पांच ,रायबरेली में चार ,आजमगढ़ में एक , सोनभद्र में तीन, हरदोई में तीन, इटावा में छह, सुल्तानपुर में एक चंदौली व्यक्ति की मौत हुई है। इसी तरह अन्य जिलों में एक-एक लोगों ने कोविड-19 ( COVID-19 ) की चपेट में आने के बाद दम तोड़ दिया।
रविवार को कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए इसके चेन को तोड़ने के लिए उत्तर प्रदेश में कोरोना कर्फ्यू का असर साफ दिखा। शहर से गांव तक की मेडिकल स्टोर को छोड़ अन्य सभी दुकानें बंद रहीं। सड़कों पर सन्नाटा छाया रहा। आम राहगीरों को आवागमन ठप रहा। इस कर्फ्यू का पालन कराने के लिए हर चौक-चौराहों पर पुलिस का पहरा रहा। लोग अपने आप से ही घरों में कैद रहे। लोगों ने जागरूकता का परिचय देते हुए इस जंग को हराने के लिए खुद जिम्मेदार होने का अहसास कराया।