राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने उत्तर प्रदेश ( Uttar Pradesh) राज्य लोक सेवा आयोग ( UPPSC ) के नए चेयरमैन के पद पर संजय श्रीनेत( Sanjay Shrinet ) के नाम को मंजूरी दे दी है। श्रीनेत 1993 बैच के आईआरएस अधिकारी हैं और इससे पूर्व वह प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) में नार्दन रीजन के स्पेशल डायरेक्टर के रूप में कार्यरत थे।
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ( UPPSC )के मौजूदा चैयरमैन प्रभात कुमार का इसी महीने कार्यकाल पूरा होने से यह पद रिक्त हो गया था। प्रभात ने अपने कार्यकाल में पटरी से उतरे आयोग की कार्यप्रणाली को काफी हद तक सुधार कर रफ्तार देने का काम किया।
यूपीपीएससी नए अध्यक्ष को कई चुनौतियों का भी सामना करना होगा। पिछले अध्यक्ष डॉ. प्रभात कुमार ने 21 महीने में 22,870 भर्ती की, वो भी तब जबकि एक साल कोरोना के कारण प्रभावित रहा। नए अध्यक्ष भी कोरोना संक्रमण के दौर में आ रहे हैं। ऐसे में आयोग के कैलेंडर को नियमित रखते हुए बेरोजगारों की उम्मीदों पर खरा उतरना चुनौती होगी। हाईकोर्ट में लंबित पीसीएस में त्रिस्तरीय आरक्षण समाप्त करने, सीबीआई जांच तेज करने के लिए एसआईटी गठित करने और स्केलिंग एवं मॉडरेशन व्यवस्था को उजागर करने याचिकाओं पर रुख छात्र देखने के इंतजार में हैं।
संजय श्रीनेत( Sanjay Shrinet ) ने अपनी शुरूआती पढ़ाई लखनऊ के काल्विन तालुकेदार कॉलेज से की है। इसके बाद इलाहाबाद विश्वविद्यालय और जेएनयू से पढ़ाई की है। उन्होंने प्रतिष्ठित नेशनल डिफेंस कॉलेज (एनडीसी) से एमफिल किया है। आईआरएस में चयनित होने के बाद वह 2005 से 2009 तक प्रथम सचिव भारतीय उच्चायोग लंदन में कार्यरत थे। 2009 से 2014 तक डायरेक्टरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस राजस्थान के प्रभारी रहे और 2015 से 2020 तक ईडी के नॉर्दन रीजन के विशेष निदेशक थे।ब्रिटेन स्थित भारतीय उच्चायोग में प्रथम सचिव (व्यापार) के पद पर नियुक्ति के दौरान श्रीनेत अनेक यूरोपीय देशों के प्रभारी रहे।

इस दौरान उन्हें अंतरराष्ट्रीय आर्थिक अपराध और नशीले पदार्थों की तस्करी के अर्थतंत्र का व्यापक भंडाफोड़ किया। वह आर्थिक भ्रष्टाचार, तस्करी और मनी लांड्रिंग से संबंधित कई मामलों में सख्त कार्रवाई करने से चर्चा में आए। बताया गया है कि श्रीनेत ( Sanjay Shrinet ) ने अपने सेवाकाल में 4000 करोड़ से अधिक की संपतियों को जब्त किया और 100 करोड़ से ज्यादा कर चोरी और तस्करी के मामलों को पकड़ा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आयोग के अध्यक्ष पद पर उनके चयन की संस्तुति राज्यपाल से की थी।