उत्तर प्रदेश शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड ( Shia Central Waqf Board) पुर्नगठन के लिए सदस्य पद के लिए हुए चुनाव में पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी ( WASIM RIZVI ) का दबदबा कायम रहा है,आज हुये सदस्यों के चुनाव में उन्होंने जीत दर्ज की है ।भाजपा नेता सैयद फैजी और पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी ने जीत दर्ज की। चुनाव में छह प्रत्याशियों ने किस्मत आजमाई थी।बोर्ड का अध्यक्ष बनने की राह पर आगे बढ़ने के लिए वसीम रिजवी काे मुतवल्ली कोटे से से चुना जाना जरूरी था ।
मतदान के बाद इंदिरा भवन में वोटों की गिनती की गई जिसके बाद सैयद फैजी व वसीम रिजवी ( WASIM RIZVI )को विजेता घोषित किया गया। दोनों को 21-21 वोट मिले।सुबह करीब 10 बजे वसीम रिजवी मतदान स्थल तक गनर लेकर पहुंच गए। इस दौरान प्रत्याशी अशफ़ाक़ और वसीम के बीच गाली गलौज हुई जिसके कारण चुनाव प्रक्रिया कुछ देर के लिए बाधित हो गई।
अशफ़ाक़ ज़िया की आपत्ति के बाद एसीपी हज़रतगंज ने मौके पर पहुँच कर वसीम रिज़वी के गनर को हटाया और वहां से चले जाने के लिए कहा। इसके बाद चुनाव प्रक्रिया पूरी हुई।
शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड ( Shia Central Waqf Board,)के चुनाव के लिये मुतवल्ली कोटे के दो सदस्यों के पद के लिए सात लोग भाजपा नेता सय्यद फैजी, वक्फ बोर्ड के पूर्व चैयरमैन वसीम रिजवी (Waseem Rizvi), सैयद आसिम रिजवी, सैयद मुजाहिद हुसैन रिजवी, सैयद मुशर्रफ हुसैन रिजवी, अशफाक हुसैन उर्फ जिया और सैयद जफर रिजवी ने नामांकन किया था। रविवार को नाम वापसी का समय पूरा होने के बाद एक दावेदार सैयद जफर रिजवी ने अपना नाम वापस ले लिया था ।
सांसद कोटे में दो सदस्य पदों के लिए सिर्फ पूर्व सांसद रामपुर की बेगम नूर बानो ने नामांकन किया है। ऐसे में नूर बानो का सदस्य पद पर निर्विरोध निर्वाचित होना तय है। विधान मंडल कोटे से दो सदस्य पद के लिए भी किसी ने भी नामांकन नहीं किया। यहां शिया समुदाय के विधान परिषद में मात्र दो सदस्य राज्यमंत्री मोहसिन रजा और बुक्कल नवाब ही है। मोहसिन रजा मंत्री है लिहाजा वह बोर्ड के सदस्य नही बन सकते। ऐसे में सरकार बुक्कल नवाब को नामित कर सकती है। बार काउंसिल में भी शिया समुदाय से कोई सदस्य नही है। इस कोटे में दो पदों पर वरिष्ठ अधिवक्ताओं को नामित किया जाएगा। इसके अलावा राज्य सरकार शिया समुदाय के एक मौलाना, एक सामाजिक कार्यकर्ता और एक पीसीएस रैंक के शिया मुस्लिम अधिकारी को नामित करेगी। बोर्ड के यह सदस्य अपने बीच से चैयरमैन का चुनाव करेंगे।
करीब दस महीने तक बिना अध्यक्ष के कार्य करने वाले यूपी शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड ( Shia Central Waqf Board,)के मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 18 मार्च को सरकार को चुनाव न कराने की जगह प्रशासक नियुक्त करने पर कड़ी फटकार लगाई थी। कोर्ट ने प्रशासक को बोर्ड में नियुक्त करने के लिए राज्य सरकार की खिंचाई की थी। कोर्ट ने कहा था कि 1995 के वक्फ अधिनियम की किस कानून या धारा के तहत प्रशासक नियुक्त किया गया था।