बिहार (Bihar )की राजधानी पटना,(Patna )से सटे दानापुर( Danapur ) में पीपा (अस्थायी) पुल से अनियंत्रित होकर एक सवारी जीप शुक्रवार सुबह गंगा में समा गई। हादसे में एक ही परिवार के 9 लोगों की मौत हो गई, जबकि ड्राइवर और जीप के ऊपर बैठे 2 लोग तैरकर बाहर निकल गए। शुरू में इस गाड़ी पर 18 लोगों के होने की बात आई थी, लेकिन जिंदा बचे लोगों ने गोताखोरों की मेहनत से निकाली गई 1 लाश और समाई जीप के अंदर मिली 8 लाशों की पहचान करने के बाद बताया कि इतने ही लोग थे।
बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में अस्थायी रूप से लोहे के पीपा से तैयार होने वाले पुल से कोई भी गाड़ी गुजरती है तो इसमें कंपन होता है। शुक्रवार को जब पीपा पुल की रेलिंग को तोड़ती हुई यह सवारी जीप पुल में गिरी तो तेजी से पुल हिला। यह देखकर पीछे की गाड़ियां तेजी से घटनास्थल पर पहुंचीं, लेकिन तबतक जीप गंगा में समा गई।
बताया जाता है कि सारण (छपरा) जिले के अकिलपुर निवासी मदन सिंह के पुत्र राकेश का 21 अप्रैल को तिलक हुआ था। 26 अप्रैल को शादी होनी है। इनका परिवार दानापुर ( Danapur ) के चित्रकुटनगर में रहता है। पटना में गंभीर कोरोना संक्रमण को देखते हुए शादी का कार्यक्रम गांव से हो रहा था। तिलक के बाद मदन सिंह के रिश्तेदार व परिवार के लोग दानापुर आ रहे थे। सुबह वे लोग गांव से चले थे। स्वजनों के मुताबिक गाड़ी पर अरविंद सिंह, रमाकांत सिंह, गीता देवी, उमाकांत सिंह की पत्नी अनुरागो देवी, उनके पोता-पोती और सरोज देवी आदि सवार थे। उसी गाड़ी पर सुजीत सिंह मनोज व सिताब राय भी थे। तीन लोग किसी तरह जान बचा निकल पाये।
दानापुर ( Danapur ) के पीपा पुल की हालत काफी जर्जर है। यहां पहले भी हादसा हो चुका है। इससे पहले एक ट्रैक्टर पुल से गंगा में गिर गया था। दानापुर की साइड में पुल का अप्रोच रोड भी सही तरीके से नहीं बनाया गया है। दानापुर के साइड में काफी तेज ढलान होने के कारण यहां वाहनों के फिसलने का डर हमेशा बना रहता है। यह पुल स्टील प्लेट से बना है, जिसपर वाहनों के फिसलने की आशंका हमेशा रहती है। शुक्रवार को हुए हादसे की वजह भी यही बताई जा रही है।