सुप्रीम कोर्ट ( Supreme Court) के 47 वें मुख्य न्यायाधीश के पद से जस्टिस एसए बोबडे ( Chief Justice S A Bobde ) शनिवार 24 अप्रैल को रिटायर हो रहे हैं।इस मौके पर उन्होंने कहा कि वह प्रसन्नता, सद्भाव और बहुत अच्छी यादों के साथ विदा ले रहे हैं। उन्हें इस बात का संतोष है कि उन्होंने अपना सर्वश्रेष्ठ काम किया है।
मुख्य न्यायाधीश शरद अरविंद बोवडे ( Chief Justice S A Bobde )शुक्रवार को बार काउंसिल के युवा सदस्यों को संबोधित करते हुये कहा- महामारी के चलते यह मुश्किल दौर है, लेकिन इस दौर में हमें हिम्मत और हौसला नहीं खोना। वक्त के साथ हालात बेहतर हो जाएंगे। बोवडे के स्थान पर जस्टिस एनवी रमन्ना कल यानी शनिवार को मुख्य न्यायाधीश का पदभार ग्रहण करेंगे।
बार काउंसिल के सदस्यों के बीच पहुंचे जस्टिस बोवडे ( Chief Justice S A Bobde )ने कई मुद्दों पर बात की। महामारी और देश में इससे उपजे हालात से वे फिक्रमंद नजर आए। मुख्य न्यायाधीश ने कहा- बार काउंसिल के युवा सदस्य भी महामारी से उपजे हालात को देखकर परेशान और दुखी होंगे। मैं ये कहना चाहूंगा कि इस मुश्किल दौर में भी हमें हिम्मत नहीं हारना, हौसला नहीं खोना। बस चलते रहना है। हालात बदल जाएंगे।
मुख्य न्यायाधीश ने महामारी के दौर में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के महत्व का भी उल्लेख किया। ये भी बताया कि उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में इसका इस्तेमाल करने के लिए कदम उठाए हैं। कहा- हमने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के इस्तेमाल की तरफ कदम बढ़ाए। मुझे लगता है कि अब इसको नजरअंदाज करना मुमकिन नहीं है। अगर हम अब भी इसका उपयोग नहीं करते तो यह नुकसानदेह होगा।
इस कार्यक्रम में कल शपथ लेने जा रहे जस्टिस रामन्ना भी मौजूद थे। उन्होंने जस्टिस बोवडे के काम की तारीफ की। कहा- मेरे भाई बोवडे ने सुप्रीम कोर्ट में बदलाव के लिए आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया। बदकिस्मती से महामारी आ गई और कुछ दिक्कतें आईं। इसके बावजूद उन्होंने उम्मीद का दामन नहीं छोड़ा।