ट्विटर ( Twitter ) ने हाल ही में कई ऐसे ट्वीट्स डिलीट किए हैं, जिनके जरिए कोरोना पर भ्रामक जानकारी फैलाई जा रही थी।
कोरोना महामारी के दौर में देश में सोशल मीडिया ( Social Media ) पर झूठी और भ्रामक खबरों की बाढ़ आ गई है। पुरानी खबरों और पुरानी तस्वीरों को कोरोना बीमारी से जोड़कर सोशल मीडिया पर प्रसारित किया जा रहा है। इससे देशवासियों में दहशत फैल रही है। इसे देखते हुए गृह मंत्रालय के निर्देश पर इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय ने ऐसी 100 से ज्यादा पोस्ट हटवा दी हैं।
सरकारी सूत्रों के अनुसार पिछले कुछ समय से कोरोना महामारी से संबंधित पुरानी सूचनाओं और फर्जी खबरों को गलत तस्वीरों और आंकड़ों से जोड़कर सोशल मीडिया पर तेजी से फैलाया जा रहा था। सोशल मीडिया यूजर्स सोशल साइट्स का गलत इस्तेमाल कर रहे थे।
कोरोना से जुड़ी फेक न्यूज ( Fake News )पर सरकार की सख्ती इसका असर भी दिखा है, ट्विटर ( Twitter ) ने हाल ही में कई ऐसे ट्वीट्स डिलीट किए हैं, जिनके जरिए कोरोना पर भ्रामक जानकारी फैलाई जा रही थी। ट्विटर प्रवक्ता ने रविवार को इसकी जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि अकाउंट्स को ब्लॉक नहीं किया गया है, उन्हें मेल के जरिए कार्रवाई की जानकारी दी गई है। सरकार ने कहा कि फेक न्यूज फैलाने के लिए ये एक्शन लिया गया है इसलिए नहीं कि हमारी आलोचना की जा रही थी।
ट्विटर ( Twitter )ने बताया कि सरकार ने कई ट्वीट्स को लेकर आपत्ति जताते हुए कहा था कि कुछ लोग इसके जरिये फेक न्यूज फैला रहे हैं। इनमें मीडियानामा, कांग्रेस के लोकसभा सांसद रेवांत रेड्डी, बंगाल के मंत्री मोलोय घाटक, एक्टर विनीत कुमार सिंह और दो फिल्म मेकर्स के ट्वीट शामिल हैं।
ट्विटर ( Twitter )ने कहा, “हम कोरोना पर गलत जानकारियों को हैंडल कर रहे हैं। इसके लिए हम प्रोडक्ट, टेक्नोलॉजी और ह्यूमन रिव्यू का इस्तेमाल कर रहे हैं और हमारी कोशिशें आगे भी जारी रहेंगी। ये हमारी प्राथमिकता है।’
उधर, सरकार ने ट्विटर के एक्शन पर कहा है कि इन अकाउंट्स पर एक्शन इसलिए नहीं लिया गया हैं, क्योंकि वो सरकार की कोविड के हालात को नियंत्रित करने की शैली की आलोचना कर रहे थे।बल्कि ये कदम इसलिए उठाया गया है, क्योंकि ये पुरानी तस्वीरों और गलत खबरों के जरिए जनता में अफवाहें और डर फैला रहे थे। सरकार ने कहा कि कई ट्विटर हैंडल 24 घंटे सरकार की आलोचना कर रहे हैं, पर हमने इन्हें ब्लॉक करने के लिए ट्विटर से नहीं कहा।