इंडियन कार मैन्युफैक्चरिंग कंपनी मारुति सुजुकी( Maruti Suzuki) के पूर्व मैनेजिंग डायरेक्टर जगदीश खट्टर (Jagdish Khattar) का सोमवार को कार्डियक अरेस्ट से निधन हो गया। वे 78 साल के थे।
मारुति को बुलंदियों तक ले जाने वाले काॅरपोरेट लीडर जगदीश खट्टर (Jagdish Khattar) 1993 से 2007 तक मारुति के साथ जुड़े रहे। खट्टर को 1993 में पहली बार कंपनी के मार्केटिंग डायरेक्टर के रूप में शामिल किया था।
इसके बाद 1999 में जगदीश खट्टर (Jagdish Khattar) कंपनी के पहले मैनेजिंग डायरेक्टर बने। इस पद के लिए सरकार ने उन्हें नॉमिनी चुना था। इसके बाद 2002 में वह सुजुकी मोटर कॉरपोरेशन के नॉमिनी चुने गए थे। अक्टूबर 2007 में मारुति से रिटायर होने के बाद खट्टर ने खुद का वेंचर कारनेशन ऑटो लॉन्च किया, जो कि एक मल्टीब्रांड ऑटोमोबाइल सर्विस नेटवर्क है और यूज्ड कार बिजनेस में भी डील करता है। लेकिन वह कारनेशन ऑटो (Carnation Auto) को मारुति जैसी सफलता दिलाने में नाकाम रहे।
वे 2003 से 2005 तक सोसायटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (SIAM) के प्रेसिडेंट भी रहे।मारुति (Maruti) जॉइन करने से पहले खट्टर एक भारतीय प्रशासनिक सेवा( IAS )अधिकारी थे, उन्होंने इस्पात मंत्रालय और यूपी सरकार के कई प्रमुख प्रशासनिक पदों पर भी काम किया था। जब उन्होंने मारुति का साथ थामा तो मारुति 9,000 से 22,000 करोड़ सालाना आय वाली कंपनी बन गई। जिसका मुनाफा करीब 1730 करोड़ रुपये पहुंचा जो पांच गुना अधिक था। इनके नेतृत्व में मारुति ने खूब लोकप्रियता हासिल की।
उन दिनों मारुति को हुंडई, जनरल मोटर्स, फोर्ड, फिएट और होंडा जैसी दिग्गज विदेशी कंपनियों से चुनौती मिली, लेकिन मारुति पर बहुत फर्क नहीं पड़ा। वह कार बेचने वाली नंबर एक कंपनी बनी रही।