Friday, September 20, 2024

COVID-19, Health, INDIA, News, Uttar Pradesh

Uttar Pradesh :कानपुर में डीएम ने कोविड रैपिड रिस्पांस टीम के प्रभारी डॉक्टर को महामारी एक्ट में कराया गिरफ्तार, हड़ताल पर जाने की धमकी के बाद छोड़ा गया

Kanpur DM

 (  के में सोमवार देर रात बैठक के दौरान टास्क न पूरा होने की जानकारी पर भड़के जिलाधिकारी आलोक तिवारी ने पतारा सीएचसी के अधीक्षक व   कंट्रोल रैपिड रिस्पांस टीम प्रभारी डॉ. नीरज सचान को पुलिस हिरासत में भेज दिया। डॉक्टर को हिरासत में भेजने पर अन्य डॉक्टर भड़क गए और स्वरूपनगर थाने का घेराव कर दिया।इस मामले की जानकारी मिलते ही मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. अनिल मिश्रा के साथ दर्जनों चिकित्सा अधिकारी व कर्मी देर रात थाने पहुँच  गए। सभी ने जिला प्रशासन की  इस कार्यवाही को तानाशाही बताया और गहरा रोष व्यक्त किया। वहीं मंगलवार सुबह तकरीबन 4 बजे डॉक्टर नीरज को निजी मुचलके पर थाने से छोड़ा गया ।

बैठक में कानपुर (Kanpur की पतारा सीएचसी के डॉ. नीरज भी थे। जिलाधिकारी ने उनसे कोरोना संबंधी जांच और रैपिड रिस्पांस टीम (आरआरटी) की गतिविधियों के बारे में पूछा। इस पर उन्होंने एक तिहाई काम होने की जानकारी दी। यह सुनकर डीएम भड़क गए। उन्होंने पहले डॉ. नीरज को फटकार लगाई, फिर साथी अफसरों से तत्काल उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराकर गिरफ्तार करने के आदेश दे दिए।

इस पर बैठक से ही उन्हें कानपुर (Kanpur पुलिस हिरासत में स्वरूपनगर थाने भेज दिया गया। इससे नाराज दस-बारह डॉक्टर भी पीछे-पीछे थाने पहुंच गए। डॉ. नीरज को तत्काल छोड़ने की मांग की। नहीं छोड़ा गया तो डॉक्टरों ने हंगामा शुरू किया। कार्य बहिष्कार की चेतावनी भी दी। उनका कहना था कि महामारी के दौर में सभी डॉक्टर रात-दिन काम कर रहे हैं। इसके बावजूद इस तरह की कार्रवाई हो रही है।

रविवार को छुट्टी के बाद सोमवार को कानपुर (Kanpur जिलाधिकारी आलोक तिवारी ने कोरोना कंट्रोल की मीटिंग की थी, जिसमें डॉक्टर नीरज शामिल थे। इस मीटिंग में ही जिलाधिकारी ने आलोक तिवारी ने उन पर सही से जिम्मेदारी न निभाने का आरोप लगाकर  महामारी एक्ट में केस दर्ज कर   गिरफ्तार करवा दिया। सोमवार रात में ही स्वरूप नगर थाने में डॉक्टर नीरज सचान के खिलाफ महामारी एक्ट में केस दर्ज कराके स्वरूप नगर लॉकअप में डाल दिया गया। उनके खिलाफ डीएम के इस एक्शन की सूचना मिलते ही शहर के दर्जनों सरकारी डॉक्टर स्वरूप नगर थाने पहुंच कर इस कार्रवाई का विरोध करने लगे। इस दौरान सिटी मजिस्ट्रेट हिमांशु गुप्ता और डीसीपी भी थाने में डटे रहे लेकिन किसी अधिकारी ने यह बताना जरूरी नहीं समझा कि आखिर एक डॉक्टर जो दो दिन पहले ही टीम का इंचार्ज बना हो, उसके ऊपर पूरा कोरोना संक्रमण रोकने की जवाबदेही कैसे डाली जा सकती है।

चिकित्सा अधिकारी व कर्मियों ने जिला प्रशासन पर अपनी नाकामी छुपाने के लिए दुर्व्यवहार पूर्ण कारवाई किए जाने का आरोप लगाया और चेतावनी दी कि  कार्यवाही अगर वापस न ली गई तो मंगलवार से स्वास्थ सेवा में लगे कर्मचारी काम ठप्प  कर हड़ताल पर चले जाएंगे। जिला प्रशासन और स्वास्थय  विभाग की इस अहम की तकरार में कोरोना महामारी के बीच मरीजों को मिलने वाला इलाज सहित चिकित्सा सेवाओं व कोविड सैम्पलिंग के साथ जांच किए जाने की व्यवस्था चरमराने की आशंका बढ़ गई है।इस दौरान थाने में एडीसीपी अभिषेक अग्रवाल व सीएमओ डॉ. अनिल मिश्रा के बीच बातचीत चली। वहीं इस सम्बंध में कानपुर के मंडलायुक्त डॉ राजशेखर व अपर स्वास्थ्य निदेशक डॉ. जीके मिश्रा की भी बातचीत हुई। डॉक्टर्स के लामबंद होने हड़ताल पर जाने की धमकी के बाद डॉ. नीरज सचान को पुलिस हिरासत  से 9 घंटें बाद छोड़ दिया गया।

 

Vijay Upadhyay

Vijay Upadhyay is a career journalist with 23 years of experience in various English & Hindi national dailies. He has worked with UNI, DD/AIR & The Pioneer, among other national newspapers. He currently heads the United News Room, a news agency engaged in providing local news content to national newspapers and television news channels