Friday, September 20, 2024

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Rajasthan: मेहंदीपुर के बालाजी धाम में हनुमानजी का विग्रह काफी शक्तिशाली एवं चमत्कारिक है, यहां मनोकामना पूर्ति के लिए अर्जी, दरखास्त लगाते है श्रद्धालु

Mehandipur Balaji Temple
Mehandipur Balaji Temple  (  ) के   ) जिले के पास दो पहाड़ियों के बीच बसा हुआ घाटा मेहंदीपुर नामक स्थान पर प्रसिद्ध बालाजी   Mehandipur Balaji  है, जहां पर बहुत बड़ी चट्टान में हनुमानजी की आकृति स्वत: ही उभर आई है जिसे श्रीबालाजी महाराज कहते हैं। इसे हनुमानजी का बाल स्वरूप माना जाता है। इनके चरणों में छोटी-सी कुंडी है जिसका जल कभी समाप्त नहीं होता।
यहां के मेहंदीपुर बालाजी मंदिरMehandipur Balaji Temple ) में हनुमानजी का विग्रह काफी शक्तिशाली एवं चमत्कारिक माना जाता है तथा इसी वजह से यह स्थान न केवल राजस्थान में बल्कि पूरे देश में विख्यात है। यहां हनुमानजी के साथ ही शिवजी और भैरवजी की भी पूजा की जाती है। जनश्रुति है कि यह मंदिर करीब 1 हजार साल पुराना है। यहां पर एक बहुत विशाल चट्टान में हनुमानजी की आकृति स्वयं ही उभर आई थी। इसे ही श्री हनुमानजी का स्वरूप माना जाता है।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार हनुमान जी इस कलयुग में जागृत देव हैं और इस बात की पुष्टि यह धाम करता है। विज्ञान भी यहां की महिमा देख हैरान रह जाता है।श्री बालाजी धाम में हनुमान जी बाल रूप में विराजमान हैं और यहां पर श्री बालाजी महाराज की जो प्रतिमा है वो स्वयंभू है, यानी यहां पर मौजूद प्रतिमा को स्थापित नहीं किया गया है, वो स्वयं ही प्रकट हो गई।

प्रसिद्ध श्री बालाजी धाम का इतिहास काफी पुराना है। कथाओं के अनुसार करीब हजार साल पहले बालाजी धाम के प्रथम मंहत जी को सपने में हनुमान जी ने दर्शन दिए और अपनी सेवा का दामोदर उन्हें सौंपा। श्री बालाजी महाराज ने मंहत जी से ये बोला कि इस कलयुग में जो भी भक्त इस धाम में आएंगे, मैं उनके सभी कष्टों को दूर करूंगा। तब से लेकर अब तक मंहत जी का परिवार ही हनुमान जी की सेवा में है।

मेहंदीपुर धाम Mehandipur Balaji Temple ) मेंमें तीन देव प्रदान रूप में विराजमान हैं। श्री बालाजी महाराज के साथ ही यहां श्री भैरव बाबा और श्री प्रेतराज सरकार भी विराजमान हैं।श्री बालाजी महाराज के दरबार के ठीक सामने भगवान राम और मां सीता का मंदिर है। ऐसा माना जाता है कि श्री बालाजी महाराज हमेशा भगवान राम और मां सीता के दर्शन करते रहते हैं।

श्री बालाजी महाराज सभी तरह के संकटों को दूर करते हैं। यहां पर यह अफवाहें फैलाई जाती है कि यहां केवल उन्हीं लोगों को जाना चाहिए जो भूत प्रेत बाधा से परेशान हो, परंतु ऐसा नहीं है। आप यहां पर आ सकते हैं और हनुमान जी के दर्शन कर सकते हैं। हनुमान जी सभी भक्तों की मनोकामनाओं को पूरा करते हैं।

श्री बालाजी धाम में मनोकामना पूर्ति के लिए अर्जी, दरखास्त लगाई जाती है। हनुमान जी को लड्डू, भैरव बाबा को उरद की दाल और प्रेतराज सरकार को चावल का भोग लगाया जाता है।मनोकामना पूरी हो जाने पर श्री बालाजी धाम में सवामणी का प्रसाद चढ़ाया जाता है। इस प्रसाद को शुद्ध देसी घी से निर्मित किया जाता है। इस प्रसाद में हलवा, सब्जी, पूरी का भोग शामिल होता है।

सुबह की आरती 6 बजे होती है और शाम की आरती 6 बजकर 30 मिनट पर। सुबह और शाम की आरती के बाद पावन जल के छींटे दिए जाते हैं।श्री बालाजी धाम में हनुमान जी की छाती के बाईं तरफ से लगातार जल की धारा बहती रहती है, आरती के बाद इसी पवित्र जल के छींटे दिए जाते हैं। चोला चढ़ने के बाद भी यह जल लगातार बहता रहता है।

श्री बालाजी महाराज घाटा मेहंदीपुर ट्रस्ट ने मीटिंग करके 16 अप्रैल से 30 अप्रैल तक मेहंदीपुर बालाजी मंदिर Mehandipur Balaji Temple ) को दर्शनों के लिए बंद रखने का निर्णय लिया है। इसी के चलते आज दौसा के मेहंदीपुर बालाजी का मंदिर बन्द रहा , हालांकि कुछ श्रद्धालु बाहरी राज्यों से यहां पहुंचे , लेकिन बाहर सडक से ही शीश नवाकर बिना दर्शन किए ही चले गए।

निकटतम हवाई अड्डा  ) के पास है जहाँ से बस या टैक्सी द्वारा धाम तक पहुंचा जा सकता है। जयपुर से बाला जी धाम की दूरी 100 किमी है, जबकि  (  से यह दूरी 260 किमी है।

 

Vijay Upadhyay

Vijay Upadhyay is a career journalist with 23 years of experience in various English & Hindi national dailies. He has worked with UNI, DD/AIR & The Pioneer, among other national newspapers. He currently heads the United News Room, a news agency engaged in providing local news content to national newspapers and television news channels