असम (Assam) में पहली बार कोई गैर-कांग्रेसी गठबंधन लगातार दूसरी बार सरकार बनाने जा रहा है। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) अपने सहयोगियों के साथ चुनावी किला फतह करने में कामयाब रही। इसके साथ ही वो कारनामा किया जो राज्य में कभी भी कोई गैर कांग्रेस सरकार नहीं कर पाई। दरअसल, असम में पहली बार कोई गैर कांग्रेस सरकार लगातार दूसरी बार सत्ता में आ रही है। असम में विपक्षी दलों के महाजोत के मुकाबले बीजेपी की अगुवाई वाला गठबंधन (मित्रजोत) सत्ता में वापसी करता दिख रहा है। इस गठबंधन में असम गण परिषद और यूनाइटेड पीपुल्स पार्टी लिबरल शामिल थे।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ( Prime Minister Narendra Modi ) ने असम में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की जीत के लिए राज्य की जनता के प्रति आभार जताया और इसका श्रेय गठबंधन के विकास के एजेंडे और जनकल्यााकारी नीतियों को दिया। उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘‘असम की जनता ने फिर से राजग के विकास के एजेंडे और लोक कल्याणकारी इतिहास को आशीर्वाद दिया है। इसके लिए मैं राज्य की जनता को धन्यवाद देता हूं।’’ प्रधानमंत्री ने इस जीत के लिए राजग कार्यकर्ताओं की कड़ी मेहनत की जमकर सराहना की।
वहीं असम (Assam) में बीजेपी की अगुवाई वाली राजग एक बार फिर से सरकार बनाने की स्थिति में नजर आ रहा है। असम की विधानसभा में कुल 126 सीटें हैं, जिसमें से सरकार बनाने के लिए बहुमत का आंकड़ा 64 है। रुझानों के हिसाब से एनडीए गठबंधन आसानी से इस आंकड़े को पार करता हुआ दिखाई दे रहा है। वहीं, चुनाव आयोग के आंकड़े के अनुसार, बीजेपी अभी 75 सीटों पर आगे चल रही है, जबकि कांग्रेस के नेतृत्व वाला ‘महाजोट’ 45 सीटों पर आगे था।
बता दें कि मोदी सरकार का संशोधित नागरिकता कानून ( CAA) को लेकर असम में काफी विरोध हुआ था। हालांकि, विधानसभा चुनाव में हुई वोटिंग में इस विरोध का कोई खास असर नहीं दिखा है। ना ही सीएए का मुद्दा उठाने वाली कांग्रेस और उसके सहयोगी दल इसका कोई खास राजनीतिक फायदा उठा पाए हैं।
इस बार असम के छोटे समुदायों में भी बीजेपी अपनी पकड़ बनाती दिखी है। इन समुदायों में मोरान, मिसिंग, राभा और देवरी शामिल हैं। याद दिला दें कि असम सरकार और खासतौर पर स्वास्थ्य मंत्री हिमंत बिस्वा सरमा (Himanta Biswa Sarma) की कोरोना महामारी की परिस्थितियों को संभालने को लेकर काफी तारीफ हुई। हालांकि, इस वजह को एनडीए की जीत का श्रेय दिया जा सकता है। इसके अलावा दो बड़े स्थानीय चेहरों मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल और हिमंता बिस्वा सरमा ने भाजपा को इस बार के चुनाव में सफलता दिलाने में अहम भूमिका निभाई है।
बता दें कि असम में पहली बार गैर कांग्रेस सरकार 1978 में बनी थी, जब जनता पार्टी सत्ता में आई। लेकिन 18 माह में अंदरूनी गुटबाजी के कारण गोलप बोरबोरा की सरकार गिर गई। असमिया आंदोलन को लेकर राज्य में 1985 और 1996 के बीच राज्य में असम गण परिषद की सरकार बनी, लेकिन वो भी लगातार सत्ता में नहीं रही। वर्ष 2001 से 2016 तक लगातार असम में तरुण गोगोई के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार रही।
असम की 14 लोकसभा सीटों में से भारतीय जनता पार्टी ने सात सीटों पर जीत हासिल की है जबकि कांग्रेस को महज तीन सीटें मिली। वहीं एआईयूडीएफ को तीन सीटें और एक सीट निर्दलीय प्रत्याशी के खाते में गई। राज्य में कुल 14 लोकसभा सीटों के लिए शुरुआती 3 चरणों में वोट डाले गए थे।
The people of Assam have again blessed the NDA’s development agenda and the pro-people track record of our Government in the state. I thank the people of Assam for the blessings. I appreciate the hard work of NDA Karyakartas and their untiring efforts in serving the people.
— Narendra Modi (@narendramodi) May 2, 2021