कोरोना वायरस महामारी के बीच वैक्सीन की कमी से जूझ रहे देश के लिए अच्छी खबर है। केंद्र सरकार ने उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर ( ) जिले में की भारत इम्यूनोजिकल एंड बायोलॉजिकल लिमिटेड (BIBCOL) को कोरोना वैक्सीन कोवैक्सीन(Covaxin) तैयार करने की मंजूरी दे दी है।
अब भारत बायोटेक द्वारा निर्मित कोवैक्सीन (Covaxin) को बुलंदशहर स्थित कंपनी बिबकोल भी बनाएगी। यहां हर माह कोवैक्सीन की डेढ़ करोड़ डोज का निर्माण किया जाएगा। इस बात की पुष्टि बिबकोल के जनरल मैनेजर/कंपनी सेक्रेटरी संदीप कुमार लाल ने की।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने इसके लिए 30 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत किया है। कोवैक्सीन(Covaxin) बनाने वाली कंपनी भारत बायोटेक और बिबकोल(BIBCOL) के बीच एमओयू साइन हुआ है। अभी तक जैव प्रोद्योगिकी विभाग भारत की कंपनी बिबकोल ( भारत इम्यूनोलॉजिकल्स एंड बायोलॉजिकल्स कॉर्पोरेशन लिमिटेड) पोलियो वैक्सीन बनाती है। बुलंदशहर के डीएम रविन्द्र कुमार ने कोवैक्सीन बनाने के लिए अधिकृत हुई बिबकोल का निरीक्षण किया। उन्होंने वैक्सीन निर्माण की तैयारियों का भी जायजा लिया।
बता दें कि बिबकोल(BIBCOL) बुलंदशहर के चोला में स्थित है। बिबकोल एक पब्लिक सेक्टर यूनिट है जिसकी स्थापना 1989 में की गई थी। सेंट्रल ड्रग कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन ने पूरे देश में तीन कंपनियों को कोवैक्सीन के उत्पादन की जिम्मेदारी दी है। जिसमें बुलंदशहर के चोला गांव स्थित बिबकोल एक है। यह भारत सरकार की ही कंपनी है। बिबकोल अभी तक पोलियो की वैक्सीन बनाती रही है। अब यहां कोरोना की कोवैक्सिन भी बनेगी। केंद्र सरकार ने वैक्सीन उत्पादन के लिए 30 करोड़ का बजट भी दिया है।
उधर, यदि सब कुछ ठीक रहा तो जल्द ही कनाडा और अमेरिका के बाद भारत में भी 2 से 18 साल के एज ग्रुप के लिए भी कोरोना की स्वदेशी वैक्सीन तैयार हो जाएगी। सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन (CDSCO) की सब्जेक्ट एक्सपर्ट्स कमेटी (SEC) ने मंगलवार को 2 से 18 साल उम्र वालों पर भारत बायोटेक की कोवैक्सिन के सेकेंड और थर्ड ट्रायल की मंजूरी दे दी। यह ट्रायल AIIMS दिल्ली, AIIMS पटना और मेडिट्रिना इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज नागपुर में 525 लोगों पर किया जाएगा।