देश के साथ प्रदेश की सभी जेल की सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोलने वाला उत्तर प्रदेश ( Uttar Pradesh) के चित्रकूट ( Chitrakoot) जिला जेल का प्रकरण अब सुप्रीम कोर्ट ( Supreme Court) पहुंच गया है। सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर चित्रकूट जिला जेल में गैंगवार तथा एनकाउंटर मामले की जांच सीबीआइ या एनआइए के कराने की मांग की गई है।
वकील ने सीबीआइ या एनआइए जांच कराने की मांग की है। वकील अनूप प्रकाश अवस्थी ने सुप्रीम कोर्ट ( Supreme Court)में याचिका दायर कर बताया कि चित्रकूट जिला जेल में जिस तरह पुलिस और बदमाशों के बीच मुठभेड़ हुई, वह बेहद ही संदिग्ध है। शीर्ष कोर्ट से केंद्रीय जांच एजेंसी से जांच कराने की अनुमति चाहते हैं। कील अनूप प्रकाश अवस्थी द्वारा दायर याचिका में जिम्मेदार लोगों के खिलाफ उचित कार्रवाई करने का भी अनुरोध किया गया है।
सुप्रीम कोर्ट ( Supreme Court)में दायर याचिका में योगी आदित्यनाथ के उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के तौर पर कार्यभार संभालने के बाद राज्य में 18 मार्च 2017 से अब तक हुई सभी न्यायेत्तर हत्याओं की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) या राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) से कराने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है।
पुलिस के मुताबिक बसपा विधायक मुख्तार अंसारी ( Mukhtar Ansari )गिरोह के एक सदस्य समेत तीन विचाराधीन कैदियों की 14 मई को चित्रकूट जिला जेल में गोली मारकर हत्या कर दी गई जिसके बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने जेल के दो अधिकारियों को निलंबित कर दिया। याचिका में कहा गया है कि सबसे बड़ी चिंता यह है कि अगर ऐसे ही न्यायेत्तर हत्याओं की जांच नहीं की गई तो राज्य की एजेंसियां कभी भी किसी भी नागरिक की जान ले सकती हैं। इसमें कहा गया है कि उत्तर प्रदेश में 2017 के बाद से अब तक सैकड़ों लोगों की हत्याएं होने के साथ ही सैकड़ों मुठभेड़ हुईं जो न केवल चिंताजनक हैं बल्कि परेशान करने वाली बात भी हैं।