नारद मामले( Narada case) में सीबीआई (CBI ) द्वारा सोमवार को गिरफ्तार किए गए पश्चिम बंगाल ( West Bengal) के दो मंत्रियों, तृणमूल कांग्रेस के एक विधायक और एक पूर्व मंत्री को सोमवार को एक विशेष सीबीआई अदालत ने जमानत दे दी। उनके वकील की तरफ से यह जानकारी दी गई।
वकील अनिंद्य राउत ने कहा कि विशेष सीबीआई अदालत के न्यायाधीश अनुपम मुखर्जी ने वरिष्ठ मंत्री सुब्रत मुखर्जी और फरहाद हकीम, तृणमूल कांग्रेस विधायक मदन मित्रा और पूर्व मंत्री सोवन चटर्जी के वकीलों और एजेंसी के वकील का पक्ष सुनने के बाद चारों नेताओं को जमानत दे दी।
उन्होंने सीबीआई कार्यालय परिसर में मौजूद संवाददाताओं के किसी भी प्रश्न का उत्तर नहीं दिया। वे 10 बजकर 50 मिनट पर निजाम पैलेस स्थित केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के कार्यालय पहुंची थीं। बताया जाता है कि सीबीआई कार्यालय जाने से पहले वह चेतला में हाकिम के आवास पर गई थीं।
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ( Jagdeep Dhankhar ) ने ट्वीट कर इस मुद्दे पर चिंता जाहिर की है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि पुलिस राज्य में कानून व्यवस्था को बनाए रखने की कोशिश करे। इसके अलावा उन्होंने ममता बनर्जी से अपील करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी संविधान का पालन करें।

इसके अलावा जगदीप धनखड़ ने कहा कि कोलकाता पुलिस मूकदर्शक बनकर देख रही है। इलाके में स्थिति पूरी तरह से अराजक हो चुकी है। राज्यपाल ने कहा कि इलाके में पुलिस कानून व्यवस्था बनाए रखने की कोशिश करे।
टीएमसी कार्यकर्ताओं की मांग है कि पार्टी के टॉप चार नेताओं को जल्द से जल्द राहत किया जाए। बता दें कि साल 2014 में हुए नारदा स्टिंग ऑपरेशन ( Narada case) की कार्रवाई के तहत सीबीआई ने इन चार नेताओं को गिरफ्तार किया है। हालांकि इस पर ममता बनर्जी ने नाराजगी जताते हुए कहा था कि अगर गिरफ्तारी करनी है तो मुझे भी गिरफ्तार कीजिए।
मंत्री हकीम, मुखर्जी, मित्रा और चटर्जी के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी लेने के लिए सीबीआई ने पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ का रुख किया था। वर्ष 2014 में कथित अपराध के समय ये सभी मंत्री थे।धनखड़ ने चारों नेताओं के खिलाफ नारद मामले( Narada case) मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी थी जिसके बाद सीबीआई अपना आरोपपत्र तैयार कर रही है और उन सबको गिरफ्तार किया गया।