Sunday, April 20, 2025

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प्लाज्मा थैरेपी कोरोना मरीजों पर कारगर नहीं, नेशनल टास्क फोर्स ने इसे क्लीनिकल मैनेजमेंट प्रोटोकॉल से हटाया

Plasma therapy

Plasma therapyआईसीएमआर (  ) ने प्लाज्मा थैरेपी( Plasma therapy )  को अब  मरीजों के इलाज के तरीकों से हटा दिया है। अब देश में मरीजों का इस थैरेपी से उपचार नहीं होगा।  कोरोना संक्रमित मरीजों की जिंदगी बचाने में प्लाज्मा थैरेपी असरदार साबित नहीं हो रही थी। इसके इस्तेमाल के बावजूद संक्रमित की मौत और उनकी बीमारी की गंभीरता को कम नहीं किया जा सका है।

आईसीएमआर, कोविड-19 पर बनी नेशनल टास्क फोर्स, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की बैठक के बाद यह फैसला लिया गया है। टास्क फोर्स ने कोविड मरीज के इलाज के लिए नई  गाइडलाइन भी जारी की है। नई गाइडलाइन में कोविड मरीजों को तीन भागों में बांटा है। पहला- हल्के लक्षण वाले मरीज, दूसरा- मध्यम लक्षण वाले और तीसरे गंभीर लक्षण वाले मरीज। हल्के लक्षण वाले मरीजों को होम आइसोलेशन में रहने,  मध्यम और गंभीर संक्रमण वाले मरीजों को क्रमश: कोविड वॉर्ड में भर्ती और आईसीयू में भर्ती करने के लिए कहा गया है।

कोरोना का इलाज करने के लिए मरीजों को दी जा रही प्लाज्मा थैरेपी ( Plasma therapy )को आईसीएमआर ने क्लीनिकल मैनेजमेंट प्रोटोकॉल से हटा दिया है। ICMR ने माना कि दुनियाभर में मरीजों के इलाज के आंकड़े प्लाज्मा थैरेपी के कारगर होने को साबित नहीं करते। खास बात यह है कि सितंबर 2020 में ICMR ने अपनी स्टडी में कहा था कि प्लाज्मा थैरेपी कोरोना के इलाज में मददगार नहीं है। इसके बावजूद, उन्हें इसे भारत के क्लीनिकल प्रोटोकॉल से हटाने का फैसला लेने में 8 महीने लग गए।

ICMR ने माना कि दुनियाभर में मरीजों के इलाज के आंकड़े प्लाज्मा थैरेपी( Plasma therapy ) के कारगर होने को साबित नहीं करते। खास बात यह है कि सितंबर 2020 में ICMR ने अपनी स्टडी में कहा था कि प्लाज्मा थैरेपी कोरोना के इलाज में मददगार नहीं है। इसके बावजूद, उन्हें इसे भारत के क्लीनिकल प्रोटोकॉल से हटाने का फैसला लेने में 8 महीने लग गए। नेशनल टास्क फोर्स की शुक्रवार को हुई बैठक में भी इस पर चर्चा हुई थी।

देश में कोरोना के बढ़ते मामलों के साथ प्लाज्मा डोनर की मांग में भी तेजी आई है। यहां तक ​​​​कि एक्सपर्ट्स भी कोरोना मरीजों के लिए प्लाज्मा थैरेपी की इफेक्टिवनेस पर चिंता जताते रहे हैं। पहले भी मेडिकल प्रोफेशनल्स ने प्लाज्मा थैरेपी को अप्रचलित करार दिया था।

कॉन्वल्सेंट प्लाज्मा थैरेपी ( Plasma therapy )एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें इन्फेक्शन से रिकवर हुए व्यक्ति के शरीर से खून लिया जाता है। खून का पीला तरल हिस्सा निकाला जाता है। इसे इन्फेक्टेड मरीज के शरीर में चढ़ाया जाता है। थ्योरी कहती है कि जिस व्यक्ति ने इन्फेक्शन से मुकाबला किया है उसके शरीर में एंटीबॉडी बने होंगे। यह एंटीबॉडी खून के साथ जाकर इन्फेक्टेड व्यक्ति के इम्यून सिस्टम को मजबूती देंगे। इससे इन्फेक्टेड व्यक्ति के गंभीर लक्षण कमजोर होते हैं और मरीज की जान बच जाती है।

Vijay Upadhyay

Vijay Upadhyay is a career journalist with 23 years of experience in various English & Hindi national dailies. He has worked with UNI, DD/AIR & The Pioneer, among other national newspapers. He currently heads the United News Room, a news agency engaged in providing local news content to national newspapers and television news channels