उच्च हिमालयी क्षेत्र में स्थित विश्व प्रसिद्ध बदरीनाथ धाम (Badrinath Dham) के कपाट छह माह के शीतकालीन अवकाश के बाद आज मंगलवार को ब्रह्ममुहूर्त में पुष्य नक्षत्र और वृष लग्न में 4 बजकर 15 मिनट पर खोल दिए गए। अब छह माह तक भगवान बदरीश की पूजा अर्चना यहीं होगी। कोरोना संक्रमण को देखते हुए केवल हक-हकूकघारियों, धर्माधिकारी और आचार्य ब्राह्मणों को मंदिर के अंदर जाने की अनुमति दी गई। मंदिर के कपाट खुलते ही जय बदरीनाथ के जयघोष से धाम गुंजायमान हो उठा।
बदरीनाथ धाम (Badrinath Dham) खुलने के बाद सबसे पहली पूजा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) के नाम से की गई।इस दौरान उनकी ओर से विश्व कल्याण और आरोग्यता की भावना से पूजा-अर्चना एवं महाभिषेक समर्पित किया गया।
वहीं, सीएम तीरथ सिंह रावत ने भी बदरीनाथ धाम (Badrinath Dham) के कपाट खुलने के अवसर पर देश-विदेश के श्रद्धालुओं को शुभकामनाएं दी। उन्होंने प्रार्थना की कि जल्द ही विश्व कोरोना महामारी से मुक्त हो सके। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के कारण चार धाम यात्रा स्थगित कर दी गई है। ऐसे में मैं सभी से प्रार्थना है कि लोग घर में रहकर ही पूजा करें।
देवस्थानम बोर्ड की ओर से धाम के कपाटोद्घाटन की जोरदार तैयारियां की गई थीं। नारायण फ्लावर ऋषिकेश व बदरी-केदार पुष्प सेवा समिति ऋषिकेश की ओर से बदरीनाथ धाम के सिंहद्वार व अन्य देवालयों को 20 क्विंटल फूलों से सजाया गया है।
इससे पहले सोमवार सुबह योग ध्यान बदरी मंदिर पांडुकेश्वर से बदरीनाथ धाम के रावल (मुख्य पुजारी) ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी के साथ कुबेर व उद्धव जी की उत्सव डोली और आदि गुरु शंकराचार्य की गद्दी बदरीनाथ धाम के लिए रवाना हुई और पूर्वाह्न धाम पहुंची थी।
धाम के कपाट खुलने पर कुबेर और उद्धव जी बदरीश पंचायत (बदरीनाथ गर्भगृह) में स्थापित कर दिए गए। कोरोना संक्रमण को देखते हुए बदरीनाथ धाम परिसर, तप्तकुंड और आस्था पथ को सैनिटाइज किया गया।