नारद केस ( Narada case) मामले में हर रोज नया मोड़ सामने आ रहा है। इस केस में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ( Mamata Banerjee )की मुसीबत बढ़ने वाली है। कलकता हाईकोर्ट के समक्ष नारदा केस को पश्चिम बंगाल ( West Bengal) से बाहर स्थानांतरित करने की मांग वाली याचिका में सीबीआई (CBI ) ने ममता बनर्जी के नाम का जिक्र किया है। 17 मई को कोलकाता में सीबीआई ने इस घोटाले से जुड़े दो मंत्रियों को गिरफ्तार किया था। उसके बाद सीबीआई दफ्तर के परिसर में टीएमएसी कार्यकर्ताओं ने हंगामा किया था। सीबीआई ने ममता बनर्जी ( Mamata Banerjee )और टीएमसी नेता कल्याण बनर्जी और मलय घटक को पक्षकार बनाया है। सीबीआई ने अपनी याचिका में सीएम ममता बनर्जी के आचरण पर भी सवाल उठाया है।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल की अध्यक्षता वाली खंडपीठ में बुधवार को इस मामले में सुनवाई हुई।इस दौरान पीठ ने बंगाल के मंत्रियों सुब्रत मुखर्जी व फिरहाद हकीम, तृणमूल कांग्रेस के विधायक मदन मित्रा और कोलकाता के पूर्व मेयर शोभन चटर्जी की जमानत याचिकाओं पर भी सुनवाई की जिसमें नारद स्टिंग मामले में उनकी गिरफ्तारी के सिलसिले में सीबीआइ की एक अदालत द्वारा दी गई जमानत पर रोक लगाने के अदालत के आदेश को वापस लेने का अनुरोध किया गया है।हालांकि हाई कोर्ट ने बुधवार को कोई फैसला नहीं सुनाया। अब इस मामले पर गुरुवार को हाई कोर्ट में फिर सुनवाई होगी।
नारद स्टिंग मामले को राज्य से बाहर स्थानांतरित करने की मांग करने वाली सीबीआई की ओर से दायर अर्जी में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ( Mamata Banerjee )और कानून मंत्री मलय घटक को पक्षकार बनाया गया है। सीबीआई की ओर से भारत के सॉलीसीटर जनरल तुषार मेहता ने सोमवार को कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल और न्यायमूर्ति अरिजीत बनर्जी की खंडपीठ से कहा था कि यहां जांच एजेंसी के कार्यालय के बाहर मुख्यमंत्री के धरने पर बैठने से असाधारण स्थिति पैदा हो गई है।
सीबीआई ने यह दावा भी किया कि पश्चिम बंगाल के कानून मंत्री भीड़ के साथ अदालत में मौजूद थे, जहां आरोपियों को पेश किया जाना था। एजेंसी ने कहा कि गिरफ्तार किए गए नेताओं के अनेक समर्थकों ने यहां निजाम पैलेस में सीबीआई दफ्तर का घेराव किया और उसके अधिकारियों को बाहर नहीं निकलने दिया जिन्हें आरोपियों को अदालत में पेश करना था। बाद में सोमवार को डिजिटल माध्यम से आरोपियों को विशेष सीबीआई अदालत में पेश किया गया था। वहीं टीएमसी ने सीबीआई के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है। साथ ही नारदा केस में गिरफ्तारियों को गैरकानूनी बताया है।

तृणमूल कांग्रेस के दो मंत्रियों और एक विधायक तथा पार्टी के एक पूर्व नेता को कलकत्ता उच्च न्यायालय से बुधवार को भी राहत नहीं मिल सकी। अब मंत्री सुब्रत मुखर्जी और फरहाद हकीम, तृणमूल कांग्रेस के विधायक मदन मित्रा और पूर्व नेता शोभन चटर्जी की जमानत पर गुरुवार को सुनवाई होगी।