Friday, September 20, 2024

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Uttar Pradesh : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सोशल मीडिया टीम मेंबर पार्थ श्रीवास्तव ने खुदकुशी से पहले सोशल मीडिया पर सुसाइड नोट डाला  लिखा- मेरी मौत एक कत्ल

Parth Srivastava

Parth Srivastava (   के  के सोशल मीडिया अकाउंट्स को चलाने वाली कंपनी में काम करने वाले पार्थ श्रीवास्तव( Parth Srivastava ) ने बुधवार को फांसी लगाकर जान दे दी। 28 साल के पार्थ का एक सुसाइड नोट और सोशल मीडिया पोस्ट का स्क्रीनशॉट वायरल हो रहा है। इसमें मुख्यमंत्री को टैग करते हुए पार्थ ने अपनी कंपनी की गुटबाजी और राजनीति के बारे में बताया है। उन्होंने लिखा, ‘मेरी आत्महत्या एक कत्ल है। जिसके जिम्मेदार सिर्फ और सिर्फ राजनीति करने वाली शैलजा और उनका साथ देने वाले पुष्पेंद्र सिंह हैं।’ हालांकि अब पार्थ के    (  अकाउंट्स से ये    गायब है।

पार्थ ने अपनी कंपनी के तीन-चार सदस्यों का जिक्र किया है। इस नोट से मालूम चल रहा है कि पार्थ अपनी कंपनी में होने वाली राजनीति से परेशान थे। उन्होंने अपने साथ काम करने वाली शैलजा और पुष्पेंद्र के नामों का जिक्र करते हुए इन्हें सुसाइड के लिए जिम्मेदार ठहराया है।

पार्थ श्रीवास्तव( Parth Srivastava ) के दोस्त आशीष पांडे ने सोशल मीडिया पर पार्थ के ट्विटर और फेसबुक पोस्ट का स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए जस्टिसफॉरपार्थ कैंपेन शुरू किया है। सवाल यह है कि पार्थ के ट्विटर हैंडल से उसके पोस्ट किए गए 2 पेज के सुसाइड नोट को आखिर किसने डिलीट किया। यह सबकुछ उसकी मौत के बाद हुआ।

पार्थ श्रीवास्तव( Parth Srivastava ) ने बुधवार की सुबह अपने घर पर रस्सी से फंदा बनाकर सुसाइड किया। घर में लटके बेटे के शव को लेकर के पिता रविंद्र नाथ श्रीवास्तव राम मनोहर लोहिया हॉस्पिटल पहुंचे। जहां पर डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। पार्थ के दोस्त आशीष पांडेय ने सोशल मीडिया पर इसके बारे में जानकारी दी। इंदिरा नगर थाने के इंस्पेक्टर का कहना है कि, डॉ. राम मनोहर लोहिया हॉस्पिटल के जरिए जारी हुए मेमो के बाद यह सूचना मुझे मिली है। मृतक के पिता ने सुसाइड किए जाने की सूचना दी है।

पार्थ श्रीवास्तव ने खुदकुशी करने से पहले एक सुसाइड नोट लिखा था। वहीं अपने ट्वीटर हैंडल पर एक मैसेज भी वायरल किया। जिसमें वरिष्ठ कर्मचारियों पर आरोप लगाया गया। जिसे उसकी मौत की सूचना मिलने के बाद डिलीट कर दिया गया। सुसाइड नोट में पार्थ ने लिखा कि उसके वरिष्ठ पुष्पेंद्र ने उसे रात के 12.40 बजे कॉल किया। यह कॉल सामान्य नहीं थी। व्हाट्सएप कॉल के जरिए उन्होंने बात की। जिसमें उन्होंने प्रताड़ना का दोष संतोष पर डाला। इसका यकीन दिलाया कि वह मेरे शुभ चिंतक ही रहे हैं। जबकि सत्य तो यह है कि वह सिर्फ और सिर्फ एक महिला कर्मचारी का नाम लिखते हुए कहा कि उसके शुभचिंतक है।

पुष्पेंद्र को महिला कर्मचारी के अलावा किसी की चिंता नहीं रही है। बाकी को छोटी सी छोटी गलती पर नाराज होते रहें। अभय भैया व महेंद्र भैया से सिर्फ उनका गुणगान करते रहे हैं। मुझे आश्चर्य प्रणव भैया पर होता है कि वह यह सब देखने समझने के बाद बावजूद पुष्पेंद्र भैया के साथ कैसे व क्यों देते हैं। मैने जब काम शुरू किया तबसे सबसे अधिक इज्जत प्रणय भैया को ही दिया। मैने उनसे सीखा कि सिर्फ काम बोलता है और इंसान को उसका काम ही उसकी पहचान बनाता है। एक तरफ पुष्पेंद्र भैया मिले जो सिर्फ दूसरों की कमियां निकालते दिखे। दूसरी तरफ प्रणय भैया दिखे जो अपने कार्य से अपना नाम बनाते दिखें। मैने प्रणय को अपना आदर्श माना और सिर्फ काम के द्वारा अपना नाम बनाना चाहा। मुझसे गलतियां भी हुई पर ये गलतियां न दोहराने की पूरी कोशिश की। परंतु शैलजा जो सिर्फ चाटुकारिता कर अपनी जगह पर थी। उन्होंने गलतियों को सबके सामने उजागर कर नाकारा साबित कर ही दिया।

शैलजा जी को बहुत बहुत बधाई। मेरी आत्महत्या एक कत्ल है। जिसके जिम्मेदार सिर्फ और सिर्फ राजनीति करने वाली शैलजा व उनका साथ देने वाले पुष्पेंद्र सिंह है। अभय व महेंद्र भैया को इस बात का हल्का सा ज्ञान भी नहीं कि लखनऊ वाले कार्यालय में चल क्या रहा था। मै आज भी मरते दम तक महेंद्र और अभय भैया को अपने माता-पिता जितनी ही इज्जत करता हूं। वहीं उसने एक लाइन और लिखी है जिसमें सूचना विभाग के एक बड़े अधिकारी का नाम का जिक्र किया है। कहा कि उम्मीद करता हूं कि वह इस मामले में उचित कार्यवाही जरूर करेंगे। हालांकि प्रभारी निरीक्षक अजय प्रकाश त्रिपाठी ने सुसाइड नोट के मिलने से इंकार किया है। उन्होंने कहा कि अगर परिवारीजन किसी पर आरोप लगाते हुए तहरीर और सुसाइड नोट देते हैं तो उनके खिलाफ कार्यवाही की जाएगी।

 

 

Vijay Upadhyay

Vijay Upadhyay is a career journalist with 23 years of experience in various English & Hindi national dailies. He has worked with UNI, DD/AIR & The Pioneer, among other national newspapers. He currently heads the United News Room, a news agency engaged in providing local news content to national newspapers and television news channels