बिहार (Bihar )के दरभंगा( Darbhanga )की रहने वाली साइकिल गर्ल ज्योति कुमारी( ‘cycle girl’ Jyoti Kumari ) के पिता मोहन पासवान का हार्ट अटैक से निधन हो गया। उन्होंने सोमवार को पैतृक गांव सिरहुल्ली में अंतिम सांस ली। ज्योति वही लड़की है, जिसने पिछले लॉकडाउन में बीमार पिता को साइकिल पर बैठाकर करीब 1200 किलोमीटर गुरुग्राम से दरभंगा अपने गांव 8 दिन में पहुंची थी।
इस वाक्ये के बाद ज्योति के कारनामे की चर्चा दुनियाभर के मीडिया में हुई। उसकी तारीफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की बेटी इवांका ट्रम्प ने भी की थी।
इवांका ने ट्वीट करते हुए लिखा था कि 13साल की ज्योति कुमारी ने अपने जख्मी पिता को साइकिल से 7 दिनों में 1,200 किमी दूरी तय करके अपने गांव ले गई। यह भारतीयों की सहनशीलता और उनके अगाध प्रेम की भावना का परिचायक है।
ज्योति ( ‘cycle girl’ Jyoti ) के पिता के निधन के बाद अब परिवार में कमाने वाला कोई नहीं है। खुद ज्योति ने अपने परिवार की मदद की अपील की है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मदद की गुहार लगाई है।
बता दें कि इसी साल 25 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ज्योति कुमारी से वर्चुअली बात की थी। साइकिल गर्ल ज्योति इस बार प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार 2021 से भी नवाजी जाएंगी।
ज्योति (‘cycle girl’ Jyoti ) के पिता मोहन पासवान दिल्ली में रिक्शा चलाकर परिवार का पेट पालते थे। एक हादसे में उनका घुटना टूट गया। जख्म तो भर गए, लेकिन अब वह ठीक से चल भी नहीं पाते हैं। परिवार इस संकट से उबर पाता इससे पहले ही लॉकडाउन लग गया। जमा किए गए पैसे और राशन खत्म हो गए तो भूखे मरने की नौबत आ गई। सामने एक ही रास्ता था घर लौटना। तब 13 साल की ज्योति ने अपने पिता को साइकिल पर बैठाकर गांव ले आई थी।उसके बाद से परिवार यही रह रहा था।