सरकार ने इस साल केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड 12वीं की परीक्षा ( CBSE Exam ) रद्द कर दी है। मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अहम बैठक के बाद यह फैसला लिया गया। बैठक में सीबीएसई बोर्ड के चेयरमैन, शिक्षा मंत्रालय के सेक्रेटरी के अलावा केंद्रीय मंत्री अमित शाह, निर्मला सीतारमण, पीयूष गोयल, धर्मेंद्र प्रधान, राजनाथ सिंह और प्रकाश जावड़ेकर शामिल हुए। यह बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए की गई। इसमें प्रधानमंत्री ने कहा कि अभी छात्रों की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता में है।सीबीएसई कक्षा 12वीं की परीक्षा( Class 12 exams 2021 )के लिए लगभग 14.5 लाख छात्र पंजीकृत हैं।
सू्त्रों के मुताबिक इस बैठक में प्रधानमंत्री के सामने परीक्षा कराने के सभी विकल्प रखे गए। ये विकल्प राज्य सरकारों और सीबीएसई बोर्ड के साथ लंबी चर्चा के बाद तैयार किए गए थे। इस बीच, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 12वीं की परीक्षाएं रद्द करने की मांग की थी। उन्होंने कहा है कि पिछली परफॉर्मेंस के आधार पर छात्रों का आकलन किया जाए। केजरीवाल ने कहा कि पेरेंट्स परेशान हैं। वो नहीं चाहते हैं कि वैक्सीनेशन किए बिना परीक्षा हो।
सीबीएसई बोर्ड ( CBSE Board Exam )और ICSE बोर्ड की परीक्षा पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई भी हुई थी। इसमें केंद्र ने कहा था कि वह गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में अपना प्लान पेश करेगा। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि आप जो भी निर्णय लेंगे, उसके पीछे आपको मजबूत दलील देनी होगी। जस्टिस खानविलकर ने कहा कि छात्रों को बहुत उम्मीद थी कि इस साल भी पिछले साल की तरह परीक्षा नहीं होगी और नंबरिंग के लिए मेथड सिस्टम अपनाया जाएगा।
3 हजार छात्रों ने परीक्षाओं को लेकर करीब एक हफ्ते पहले चीफ जस्टिस एनवी रमना को चिट्ठी लिखी थी। कहा था, ‘कोरोना के बीच फिजिकल एग्जाम कराने का सीबीएसई ( CBSE )का फैसला रद्द कर दिया जाए। सुप्रीम कोर्ट असेसमेंट का वैकल्पिक तरीका तय करने का निर्देश दे। देश में कोविड-19 के चलते कई स्टूडेंट्स ने अपने परिवार वालों को खोया है। ऐसे में इस समय फिजिकली परीक्षा कराना न सिर्फ लाखों छात्रों और टीचर्स की सुरक्षा के लिए खतरा है, बल्कि उनके परिवार वालों के लिए भी यह परेशानी का सबब है।’