कोरोना महामारी की दूसरी लहर में आपदा को अवसर में बदलने वाले, चर्चा में आये अस्पताल आगरा के रवि हॉस्पिटल ( Ravi Hospital ) में कोरोना संक्रमित मरीज के इलाज के नाम पर मनमानी कीमत वसूलने की एक और शिकायत हुई है।
पीड़िता ने 12 दिन के इलाज के लिए करीब नौ लाख रुपये वसूलने का आरोप लगाया है। मुख्यमंत्री पोर्टल पर इस संबंध में शिकायत कर जांच की मांग की गई है।
मारुति रेजीडेंसी, मारुति एस्टेट निवासी रिचा बत्रा का कहना है कि एसबीआई में डिप्टी मैनेजर उनके पति हरीश बत्रा (55) को संक्रमित होने पर 29 अप्रैल को दिल्ली गेट स्थित रवि हॉस्पिटल ( Ravi Hospital )में भर्ती कराया। एडवांस में उन्होंने 50 हजार रुपये जमा कराए।
चार मई को हालत खराब होने लगी तो अस्पताल स्टाफ ने वेंटिलेटर न होने की बात कहते हुए दूसरे अस्पताल लेकर जाने के लिए कहा। आरोप है कि बाद में मैनेजर आया और कहा कि 1.50 लाख रुपये जमा करा दो तो वेंटिलेटर की व्यवस्था हो जाएगी। रुपये जमा कराने पर अस्पताल में ही वेंटिलेटर उपलब्ध करा दिया गया।
4,50,000 रुपये की दवाएं और पीपीई किट, मास्क और सैनिटाइजर के 4500 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से वसूले गए। 42 हजार रुपये की सर्जरी का बिल भी बनाया, जबकि ऑपरेशन करने के लिए परिजनों से कोई सहमति नहीं ली गई थी। 11 मई को पति का देहांत हो गया।
रिचा बत्रा का कहना है कि करीब नौ लाख रुपये उनसे वसूले गए। उन्होंने आरोप लगाया कि पति जब भर्ती किए थे, तब उनके गले में सोने का लॉकेट भी था, वह भी चोरी हो गया। उन्होंने मुख्यमंत्री और डीएम के यहां शिकायत करते हुए बिल की जांच कराने की मांग की है।
जानकारी के अनुसार,इससे पूर्व कृष्णा नगर निवासी अरुन कंसल पुत्र शंभु दयाल को परिजनों ने संक्रमित होने पर उपचार के लिए रवि हॉस्पिटल ( Ravi Hospital )में भर्ती किया था। 28 अप्रैल को मरीज की मौत हो गई। अस्पताल ने इलाज खर्च के 9,60,121 रुपये लेकर शव दिया। इलाज खर्च के बिल में 4,65,876 रुपये दवाई खर्च जोड़ा गया है।