उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद (UP Board ) की इंटरमीडिएट परीक्षा 2021 को रद्द कर दिया गया है। उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक से बातचीत के बाद परीक्षा निरस्त करने की घोषणा की है।
बता दें कि यूपी बोर्ड (UP Board ) 12वीं की परीक्षा जुलाई के दूसरे सप्ताह में आयोजित की जानी थी पर सीबीएसई की 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से लिए गए निर्णय के तहत निरस्त होने के बाद यूपी बोर्ड की परीक्षा का भी निरस्त होना तय माना जा रहा था। गुरुवार को इस निर्णय की घोषणा कर दी गई। बता दें कि यूपी बोर्ड की इंटरमीडिएट परीक्षा के लिए 26 लाख 10 हजार 316 परीक्षार्थी पंजीकृत थे।
उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने बताया कि माध्यमिक शिक्षा विभाग, उत्तर प्रदेश निरंतर छात्र हित में कार्य कर रहा है। उत्तर प्रदेश देश का प्रथम राज्य है जिसने गत वर्ष 2020 के जुलाई माह में ही कोरोना महामारी के दृष्टिगत पठन-पाठन में हो रहे व्यवधान के दृष्टिगत, पाठ्यक्रम में 30 फीसदी की कमी कर दी थी। अब महामारी के प्रभाव को देखते हुए ये निर्णय लिया गया है।
इस पर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कोविड महामारी की वर्तमान परिस्थितियों के दृष्टिगत बच्चों की स्वास्थ्य सुरक्षा हमारी शीर्ष प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की प्रेरणा से प्रदेश सरकार ने शैक्षिक सत्र 2020-21 में माध्यमिक शिक्षा परिषद(UP Board ) की 10वीं व 12वीं की बोर्ड परीक्षा का आयोजन नहीं कराने का निर्णय लिया है।
यूपी बोर्ड ने इसकी तैयारी पहले से ही कर ली थी। यूपी बोर्ड (UP Board )के सचिव ने 22 मई को ही सभी कालेजों से कक्षा 12 की प्रीबोर्ड और 11 की छमाही व वार्षिक परीक्षा के अंक मांगे थे। इस निर्देश पर 28 मई तक अधिकांश स्कूल छात्र-छात्राओं के अंक का ब्योरा भेज चुके हैं। बोर्ड सचिव दिव्यकांत शुक्ला ने 22 मई को ही सभी स्कूलों से क्लास 12 के प्री-बोर्ड और 11वीं के छमाही व वाॢषक परीक्षा के अंक मांगे थे, 28 मई तक अधिकांश स्कूल छात्र-छात्राओं के अंक डाटा भी ऑनलाइन पोर्टल पर फीड कर दिया।
9वीं व 11वीं के छात्र वार्षिक परीक्षाफल के आधार पर अगली कक्षा में भेजे जाएंगे। यदि सालभर कोई परीक्षा या असेसमेंट नहीं हुआ हो तो सामान्य रूप से छात्रों को प्रमोट करने का निर्देश है। शिक्षा विभाग के निर्देशों से सभी स्कूलों को अवगत करा दिया गया है। वहीं, कक्षा 6, 7, 8, 9 और 11 के छात्रों को प्रोन्नत करने के संबंध में यदि किसी प्रकार की शिकायत होगी तो उसकी सुनवाई जिला स्तर की कमेटी करेगी।