ट्विटर ( Twitter ) को राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ ( Rashtriya Swayamsevak Sangh) के प्रमुख डॉ. मोहन भागवत, ( Mohan Bhagwat) के साथ-साथ अरुण कुमार, सुरेश जोशी और कृष्ण गोपाल के अकाउंट पर ब्लू टिक को वापस करना पड़ा है। बता दें कि इससे पहले शनिवार सुबह ट्विटर ने बड़ी कार्रवाई करते हुए उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू, आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत समेत कई नेताओं के निजी ट्विटर हैंडल से ब्लू टिक हटा दिया था। हालांकि, केंद्र की तरफ से आखिरी सख्त चेतावनी दिए जाने के बाद ट्विटर लाइन पर आ गया है।उपराष्ट्रपति नायडू के अकाउंट का ब्लू टिक पहले ही बहाल कर दिया गया था, जहां अब मोहन भागवत के अकाउंट को भी दोबारा वेरिफाइड कर दिया गया है।
खास बात यह है कि ब्लू टिक हटाने और वापस आने तक हुए इस विवाद के बाद इन हस्तियों को फॉलो करने वाले लोगों की संख्या में इजाफा होता दिखाई दिया है। संघ प्रमुख मोहन भागवत ( Mohan Bhagwat) के फॉलोअर्स की संख्या की बात करें तो ब्लू टिक हटाए जाने पर यह 207.9के थे, जबकि ब्लू टिक वापस आने तक यह बढ़ा 214.3के पर पहुंच गई। इस तरह देखें तो भागवत को फॉलो करने वालों की संख्या में करीब छह लाख 40 हजार का इजाफा हुआ। कुछ ऐसा ही वेंकैया नायडू के मामले में भी देखने को मिला। ब्लू टिक हटने पर नायडू के 1.2 मिलियन फॉलोअर थे। वहीं ब्लू टिक वापस आने पर यह संख्या बढ़कर 1.3 मिलियन हो गई।
ट्विटर से ब्लू टिक हटाने का मतलब होता है कि कंपनी ने उस अकाउंट को अनवेरिफाई कर दिया है। आरएसएस (RSS ) प्रमुख मोहन भागवत ( Mohan Bhagwat) समेत आरएसएस के कई नेताओं के ट्विटर हैंडल से ब्लू टिक को हटा दिया है। ऐसा माना जा रहा है कि मोहन भागवत ने अपने ट्विटर हैंडल से अभी तक एक भी ट्वीट नहीं किया है, इसलिए उनके हैंडल से ब्लू टिक हटा दिया गया है।
बता दें कि मोहन भागवत ने अपना ट्विटर ( Twitter )अकाउंट साल 2019 में बनाया था और अभी तक उनके निजी ट्विटर हैंडल से कोई ट्वीट नहीं किया गया है। मोहन भागवत से पहले आरएसएस नेता सुरेश सोनी, सुरेश जोशी और अरुण कुमार के निजी ट्विटर हैंडल से ब्लू टिक हटा दिया था।
केंद्र सरकार ने ट्विटर ( Twitter )को नए डिजिटल नियम लागू करने को लेकर अंतिम चेतावनी दी है। सरकार ने कहा कि ट्विटर को नए आईटी नियमों का पालन करने के लिए आखिरी नोटिस दिया जा रहा है। अगर नियमों का पालन नहीं हुआ तो आईटी एक्ट 2000 की धारा 79 के तहत मिली छूट को खत्म कर दिया जाएगा और ट्विटर को आईटी एक्ट और अन्य दंडात्मक प्रावधानों के तहत कार्रवाई के लिए तैयार रहना होगा। मंत्रालय ने कहा कि ये नियम 26 मई, 2021 से प्रभावी हैं, लेकिन सद्भावना के तहत टि्वटर इंक को एक आखिरी नोटिस के जरिये नियमों के अनुपालन का अवसर दिया जाता है।