बहुजन समाज पार्टी ।( BSP) सुप्रीमो मायावती ( Mayawati ) ने कहा है कि पंजाब में शिरोमणि अकाली दल और बहुजन समाज पार्टी का गठबंधन नए युग की शुरूआत करेगा। उन्होंने 2022 के विधानसभा आमचुनाव में इस गठबंधन की सरकार बनवाने में जी-जान से जुटने की अपील की है।
मायावती ( Mayawati )ने पंजाब में गठबंधन के एलान के बाद ट्वीट कर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि शिरोमणि अकाली दल और बसपा का गठबंधन एक नई राजनीतिक व सामाजिक पहल है। यह निश्चित रूप से राज्य में बहु-प्रतीक्षित विकास, प्रगति व खुशहाली के नए युग की शुरूआत करेगा।
मायावती( Mayawati ) ने कहा कि पंजाब में समाज का हर तबका कांग्रेस पार्टी के शासन में व्याप्त गरीबी, भ्रष्टाचार व बेरोजगारी आदि से जूझ रहा है लेकिन इसकी सबसे ज्यादा मार दलितों, किसानों, युवाओं व महिलाओं आदि पर पड़ रही है।
इससे मुक्ति पाने के लिए इस गठबन्धन को कामयाब बनाना बहुत जरूरी है। उन्होंने पंजाब की जनता से अकाली दल व बसपा के बीच गठबन्धन को ऐतिहासिक बताते हुए अपना पूर्ण समर्थन देने की अपील की है।
गौरतलब है कि पंजाब में 2022 में होने वाले विधानसभा चुनावों के मद्देनजर शिरोमणि अकाली दल (शिअद) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने शनिवार को गठबंधन किया। संवाददाता सम्मेलन में गठबंधन की घोषणा करते हुए शिअद अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने इसे ‘‘पंजाब की राजनीति में नया सवेरा बताया।’’ बसपा महासचिव सतीश चन्द्र मिश्रा की उपस्थिति में उन्होंने कहा, ‘‘आज ऐतिहासिक दिन है। पंजाब की राजनीति की बड़ी घटना है।’’
उन्होंने कहा कि शिअद और बसपा साथ मिलकर 2022 विधानसभा चुनाव और अन्य चुनाव लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि मायावती नीत बसपा पंजाब के 117 विधानसभा सीटों में से 20 पर चुनाव लड़ेगी, बाकी सीटें शिअद के हिस्से में आएंगी। बसपा के हिस्से में जालंधर का करतारपुर साहिब, जालंधर पश्चिम, जालंधर उत्तर, फगवाड़ा, होशियारपुर सदर, दासुया, रूपनगर जिले में चमकौर साहिब, पठानकोट जिले में बस्सी पठाना, सुजानपुर, अमृतसर उत्तर और अमृतसर मध्य आदि सीटें आयी हैं।
गठबंधन के बाद अकाली दल के संरक्षक प्रकाश सिंह बादल ने बीएसपी सुप्रीमो मायावती से फोन पर बात की और गंठबंधन के लिए बधाई दी, प्रकाश सिंह बादल ने कहा, ”हम लोग जल्द ही आपको पंजाब आने के लिए निमंत्रण देंगे।
वहीं मीडिया को संबोधित करते हुए अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने कहा, दोनों पार्टियों की सोच दूरदर्शी है, दोनों ही पार्टियां गरीब किसान मजदूरों के अधिकारों की लड़ाई लड़ती रही है, ये पंजाब की सियासत के लिए ऐतिहासिक दिन है।