उत्तराखंड ( Uttarakhand)कांग्रेस की वरिष्ठ राजनेता और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश( Indira Hridayesh )का हार्ट अटैक से निधन हो गया है। आज सुबह उन्हें गंभीर हालत में दिल्ली के एक अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। कांग्रेस की कद्दावर नेता की मौत से पार्टी को बड़ा झटका लगा है।दिल्ली आने से पहले शनिवार को डॉ. हृदयेश ने कांग्रेस के देशव्यापी प्रदर्शन के तहत हल्द्वानी में महंगाई के खिलाफ प्रदर्शन में हिस्सा लिया था।
कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने इंदिरा हृदयेश ( Indira Hridayesh के निधन की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि दिल्ली स्थित उत्तराखंड सदन में उन्हें हार्ट अटैक आया।
बता दें कि वह दिल्ली में कांग्रेस संगठन की बैठक में शामिल होने गईं थीं। जहां रविवार की सुबह उनकी तबीयत ज्यादा खराब हो गई। इसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां उनका निधन हो गया।
कुछ समय पहले ही नेता प्रतिपक्ष कोरोना से उभरी थीं और उनकी हार्ट संबंधी सर्जरी भी हुई थी। उनके बेटे सुमित भी दिल्ली पहुंच रहे हैं। उनके शव को उत्तराखंड ले जाने की तैयारी हो रही है।
यूपी से अलग होकर बने उत्तराखंड में पिछले दो दशकों से कांग्रेस पार्टी का प्रमुख चेहरा रहीं, डॉ. इंदिरा हृदयेश ( Indira Hridayesh राज्य में विपक्ष की कद्दावर नेता थीं, धीर-गंभीर अंदाज और राजनीतिक परिपक्वता की वजह से विपक्षी नेता भी उनका सम्मान करते थे।बता दें कि कुछ महीन पहले ही नेता प्रतिपक्ष कोरोना संक्रमित हुई थीं और उससे उबर कर फिर से सक्रिय हुई थीं। कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने उत्तराखंड की इस दिग्गज राजनेता के निधन पर शोक जताया है।
उनके निधन पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत, पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत , कांग्रेस नेता किशोर उपाध्याय ने ट्वीट शोक जताते हुए उत्तराखंड के लिए अपूरणीय क्षति बताया है। नेता प्रतिपक्ष के निधन से इंटरनेट मीडिया पर शोक की लहर फैल गई है। नैनीताल से भाजपा विधायक संजीव आर्य ने भी ट्वीट कर शाेक जताते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी है।
उत्तराखंड में पहली बार निर्वाचित सरकार में मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी नारायण दत्त तिवारी ने संभाली थी। तिवारी का राजनीति में बड़ा कद था। राज्य में ही नहीं, बल्कि देश की राजनीति में भी। लेकिन उन्हें छोटे से राज्य का सीएम तो बनाया गया, लेकिन उनकी सरकार में सबसे प्रभावशाली मंत्री थी डा. इंदिरा हृदयेश। यानी कि पूरी सरकार ही उनके ही इशारे पर चलती थी।
उत्तराखण्ड राज्य की वरिष्ठ नेत्री, पूर्व मंत्री एवं वर्तमान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रहीं, मेरी बड़ी बहन जैसी आदरणीया श्रीमती इंदिरा हृदयेश जी के निधन का दुखद समाचार मिला।
मैं उनकी आत्मा की शांति के लिए भगवान के श्री चरणों में प्रार्थना करता हूँ। pic.twitter.com/rQ2SOijxRn
— Tirath Singh Rawat (@TIRATHSRAWAT) June 13, 2021
अभी-अभी कांग्रेस की वरिष्ठ नेत्री डॉक्टर @IndiraHridayesh जी के निधन का दुःखद समाचार मिलकर मन अत्यंत दुखी है। इन्दिरा बहिन जी ने अपने लम्बे राजनीतिक जीवन में कई पदों को सुशोभित किया और विधायिका के कार्य में पारंगत हासिल की। बहिन जी का जाना मेरे लिए एक व्यक्तिगत क्षति है।
— Trivendra Singh Rawat (@tsrawatbjp) June 13, 2021